यूरोप से निर्वासित होने के बाद एजेंटों द्वारा पैसे न लौटाने पर ज़िले के गांव दंदोआ के एक युवक ने ज़हरीला पदार्थ निगल लिया। लुधियाना के डीएमसी अस्पताल में भर्ती 26 वर्षीय अमृत सिंह ज़िंदगी और मौत के बीच संघर्ष कर रहा है। अमृत सिंह के साथ 40 लाख रुपये की ठगी हुई है। इस मामले में, अमृत सिंह के छोटे भाई हरमन सिंह की शिकायत पर पुलिस ने एजेंट गुरपाल सिंह, उसकी पत्नी रीना और उसके पिता हाकम सिंह निवासी गांव दीवान के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
दर्ज मामले के अनुसार किसान अमृत सिंह की मुलाक़ात एक शादी समारोह में आरोपी के साथ हुई थी। उसने उसे अमेरिका भेजने की बात कही थी। अमेरिका भेजने के नाम पर उसे सबसे पहले जुलाई 2022 में सर्बिया भेजा गया, जहां से अमृत पैदल ही ऑस्ट्रिया में दाखिल हो गया। इसके बाद उसे कई महीनों तक इटली और स्पेन में रखा गया। आरोप है कि इस दौरान एजेंट उसके घरवालों से करीब चार लाख रुपये ऐंठ लिए। इसके बाद एजेंट ने मॉरीशस का फर्जी पासपोर्ट बनाकर अमृत सिंह को यूरोप में दाखिल करवा दिया, लेकिन एम्सटर्डम पुलिस ने अमृत सिंह को एयरपोर्ट पर ही गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। करीब एक महीने जेल में रखने के बाद फरवरी 2023 में उसे वापस भारत भेज दिया गया। दोनों किडनी खराब वाले अमृत कई बार पुलिस अधिकारियों से शिकायत कर आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज करने की मांग करता रहा। जब उसकी गुहार नहीं सुनी गई तो उसने परेशान होकर 22 जुलाई की दोपहर को जहरीला पदार्थ निगल लिया, जिससे उसे गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया। उसकी दोनों किडनी फेल हो चुकी हैं और उसका लिवर भी खराब हो चुका है, जिससे उसकी हालत नाजुक बनी हुई है। हरमन ने बताया कि उसने कृषि उपकरण बेचकर और लोगों से रिश्वत लेकर विदेश जाने के लिए एजेंटों को पैसे दिए थे।