पंजाब में बेनामी लेन-देन, फर्जी कब्जों पर लगेगी रोक
शहरी हाउसिंग सोसायटियों में बिना पंजीकरण के चल रहे करोड़ों के सौदों पर अब सरकार की सीधी नजर होगी। गैर-कानूनी संपत्ति सौदों और बेनामी लेन-देन पर नकेल कसने के लिए पंजाब सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। मुख्यमंत्री भगवंत मान की अध्यक्षता में बृहस्पतिवार को यहां हुई मंत्रिमंडल बैठक में पंजाब सहकारी समितियां अधिनियम, 1961 में अहम संशोधन को मंजूरी दी गई।
अब सहकारी समितियों को मिलने वाली स्टांप शुल्क और पंजीकरण शुल्क में छूट पर सख्त नियम लागू होंगे, जिससे बिना पंजीकरण के हो रहे सौदे और विवादित कब्जे खत्म होंगे। सरकार के मुताबिक, पहले यह छूट सहकारी संस्थाओं के विकास को सुगम बनाने के लिए दी गई थी, लेकिन इसका इस्तेमाल नियमों की आड़ में संपत्ति के गैर-कानूनी लेन-देन के लिए होने लगा। कई जगह बिना पंजीकरण शुल्क चुकाए ही सौदे पूरे कर लिए जाते थे, जिससे बेनामी संपत्ति और विवादित कब्जे बढ़े।
संशोधन के तहत अब अधिनियम की धारा 37 में उप-धारा (2) और (3) जोड़ी गई हैं।
‘पंचायत विकास सचिव’ पद का सृजन : ग्रामीण विकास की निगरानी और कार्यकुशलता बढ़ाने के लिए मंत्रिमंडल ने पंचायत सचिव और ग्राम सेवक (वीडीओ) कैडर का विलय कर ‘पंचायत विकास सचिव’ का नया पद सृजित करने को मंजूरी दे दी है। इसके लिए एक राज्यस्तरीय कैडर बनाया जाएगा।
लैंड पूलिंग पॉलिसी को किया डी-नोटीफाई
किसानों और विपक्षी दलों के लगातार विरोध के बीच पंजाब सरकार ने लैंड पूलिंग पॉलिसी को आधिकारिक तौर पर रद्द कर दिया है। कैबिनेट बैठक में इस पॉलिसी को डी-नोटीफाई करने का निर्णय लिया गया। हाल ही में राज्य सरकार ने लैंड पूलिंग योजना की घोषणा की थी, जिसके तहत जमीन अधिग्रहण की नई व्यवस्था लागू की जानी थी। लेकिन किसानों ने इसे अपने हितों के खिलाफ बताते हुए विरोध शुरू कर दिया। विपक्षी दलों ने भी इसे मुद्दा बनाकर सरकार पर निशाना साधा। बढ़ते दबाव को देखते हुए सरकार ने दो दिन पहले पॉलिसी वापस लेने का ऐलान कर दिया था। अब कैबिनेट के निर्णय के बाद यह योजना औपचारिक रूप से समाप्त हो गई है।