धूरी, 3 फरवरी (एजेंसी)
पंजाब विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (आप) के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार भगवंत मान ने कहा कि राज्य के लोग पिछले 44 वर्ष में कांग्रेस और शिरोमणि अकाली दल (शिअद) को मौका देते-देते थक गए हैं और इस बार उनकी पार्टी की सरकार चाहते हैं। मान (48) धूरी सीट से चुनाव लड़ रहे हैं, जो संगरूर लोकसभा क्षेत्र में आती है। मान संगरूर से दो बार के सांसद हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में उनकी पार्टी सत्ता में आने पर माफिया राज, बेरोजगारी, महंगाई, मादक पदार्थों की समस्या और कृषि संकट जैसे कुछ प्रमुख मुद्दे से निपटने के लिए काम करेगी। मान ने कहा, ‘लोगों ने कांग्रेस को 25 साल और बादल परिवार को 19 साल दिए। ये पार्टियों पिछले 44 साल में कुछ नहीं कर पाईं और अब भी एक और मौका चाहती हैं। लोग उन्हें मौके देते-देते थक गए हैं, लेकिन ये पार्टियों मौका मांगते-मांगते नहीं थकीं।’ उन्होंने कहा कि पंजाब के लोग बदलाव चाहते हैं और चाहते हैं कि अगली सरकार ‘आप’ की हो, क्योंकि उन्हें पता है कि इस पार्टी ने दिल्ली में भी काम किया है और यहां भी करेगी। ‘आप’ को पंजाब में सरकार बनाने से रोकने के लिए प्रतिद्वंद्वी राजनीतिक संगठनों पर हाथ मिलाने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा, ‘पंजाब विधानसभा चुनाव में ‘आप’ की एकतरफा जीत होगी।’ शिअद पर निशाना साधते हुए मान ने कहा, ‘प्रकाश सिंह बादल 94 साल की उम्र में चुनाव लड़ रहे हैं क्योंकि उनके बेटे (सुखबीर बादल) को लोगों ने स्वीकार नहीं किया।’ उन्होंने कहा कि शिअद के वरिष्ठ नेता तीसरी बार यह कहकर वोट मांगेंगे कि यह उनका आखिरी चुनाव है, साथ ही पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरेंद्र सिंह ने 2017 में कहा था कि यह उनका आखिरी चुनाव है और अब वह फिर चुनाव लड़ रहे हैं। मान ने बादल और अमरेंद्र सिंह पर कटाक्ष करते हुए कहा, ‘ये नेता लोगों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ करते हैं।’ कांग्रेस उम्मीदवार दलवीर सिंह गोल्डी के मान के धूरी में नहीं दिखने के आरोप को ‘आप’ नेता ने ‘निराधार’ बताया और कहा कि वह अकसर धूरी के गांवों का दौरा करते रहे हैं।
भगवंत मान ने उनकी पार्टी के सत्ता में आने पर राज्य से रेत खनन, परिवहन और शराब माफिया को खत्म करने का वादा किया। मान ने ‘पंजाब मॉडल’ को लेकर कांग्रेस की पंजाब इकाई के प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू का भी मजाक उड़ाया और कहा कि उन्हें पहले इसे अपनी पार्टी से पारित कराना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘सिद्धू साहब पिछले 14 साल से सत्ता में हैं, पहले 10 साल वह शिअद-भारतीय जनता पार्टी के साथ रहें और फिर साढ़े चार साल कांग्रेस के साथ। इतने वर्षों में यह पंजाब मॉडल लागू नहीं हो पाया।’ शिअद ने धूरी सीट से संगरूर के पूर्व विधायक प्रकाश चंद गर्ग और कांग्रेस ने यहां से मौजूदा विधायक दलवीर सिंह गोल्डी को टिकट दिया है।
‘हिंदू होने के कारण जाखड़ को सीएम नहीं बनाया’
लुधियाना (निस) : आम आदमी पार्टी पंजाब के सह प्रभारी राघव चड्ढा ने कांग्रेस के नेता सुनील जाखड़ के मुख्यमंत्री वाले बयान पर कहा कि कांग्रेस हमेशा से समाज को जाति-धर्म के आधार पर बांटने की राजनीति करती आई है। पंजाब की राजनीति को भी कांग्रेस धार्मिक रंग देकर लोगों को जाति-धर्म के आधार पर बांटने की साजिश रच रही है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुनील जाखड़ हैं। सिर्फ हिन्दू होने के कारण कांग्रेस ने 42 विधायकों के समर्थन वाले जाखड़ को पंजाब का मुख्यमंत्री नहीं बनाया। एक बयान में श्री चड्ढा ने सुनील जाखड़ के बयान का हवाला देते हुए कहा कि कैप्टन अमरेंद्र सिंह को मुख्यमंत्री पद से हटाने के बाद हुए विधायक दल की बैठक में जाखड़ के नाम पर 42 विधायकों ने सहमति जताई, सुखजिंदर सिंह रंधावा को 16, परनीत कौर को 12, नवजोत सिद्धू को 6 और मुख्यमंत्री चन्नी को मात्र दो विधायकों का समर्थन था, लेकिन बेहद शर्मनाक है कि कांग्रेस ने सुनील जाखड़ को मुख्यमंत्री की दौड़ से यह बोलकर बाहर किया कि वह एक हिंदू है जबकि मात्र दो विधायकों के समर्थन वाले चरणजीत सिंह चन्नी को कांग्रेस नेतृत्व ने जाति धर्म के आधार पर पंजाब को बांटने के लिए मुख्यमंत्री बनाया। चड्ढा ने कहा कि कांग्रेस सिर्फ हिन्दू वोट के लिए सुनील जाखड़ के नाम का इस्तेमाल कर रही है।
कांग्रेस को सता रहा हार का डर : भगवंत
लुधियाना (निस) : आम आदमी पार्टी के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार भगवंत मान ने कहा कि कांग्रेस पार्टी टूट के डर से अपने सीएम चेहरे की घोषणा में देरी कर रही है। कांग्रेस हार के डर से बौखला गई है। कांग्रेस आलाकमान अभी तक संशय में है कि मुख्यमंत्री उम्मीदवार का नाम घोषित करे या अन्य राज्यों की तरह पंजाब में भी दो-तीन नेताओं के नाम पर चुनाव लड़ें। मान ने कहा कि 5 फरवरी को नामांकन वापसी का आखिरी दिन है। इसीलिए कांग्रेस ने अपने मुख्यमंत्री चेहरे की घोषणा का समय 6 फरवरी रखा है। कांग्रेस को इस बात का डर है कि अगर मुख्यमंत्री उम्मीदवार के नाम की घोषणा पहले की, तो विरोधी गुटों के उम्मीदवार भारी संख्या में अपना नॉमिनेशन वापस ले लेंगे और उम्मीदवारी छोड़ देंगे।