सिंधु जल संधि से संबंधित नदियों का पानी पंजाब को मिले : बरिंदर गोयल
पंजाब के कैबिनेट मंत्री बरिंदर कुमार गोयल ने कहा कि यह पंजाब की त्रासदी है कि राज्य की नदियों का पानी ऐसे राज्यों को भी मिल रहा है जो ‘नॉन रिपेरियन’ (नदी किनारे न होने वाले) हैं, जबकि बाढ़ का प्रकोप केवल पंजाब को झेलना पड़ता है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में पंजाब सरकार राज्य के जल अधिकारों की दृढ़ता से लड़ाई लड़ रही है। उन्होंने केंद्र सरकार को घेरते हुए कहा कि केंद्र को अपनी बात पर कायम रहना चाहिए और सिंधु जल संधि को रद्द करते हुए इससे संबंधित नदियों का पानी पहले पंजाब को दिया जाए और पंजाब की ज़रूरत पूरी होने के बाद ही अतिरिक्त पानी हरियाणा को दिया जाए, जिससे दोनों राज्यों के किसान खुशहाल होंगे। गोयल ने इस अवसर पर हलके में करीब 9 करोड़ की लागत से आरंभ की गई विकास परियोजनाओं के शिलान्यास किए। उन्होंने बताया कि खेतों को 30 वर्षों बाद फिर से नहरी पानी मिलना शुरू हुआ है। उन्होंने कहा कि राज्य की नई और उन्नत लैंड पूलिंग स्कीम के तहत ज़मीन जबरन अधिग्रहित नहीं की जाएगी। जो ज़मीन मालिक स्वेच्छा से ज़मीन देना चाहते हैं, केवल उनकी ज़मीन ली जाएगी। इस मौके पर मंत्री ने गाँव गुरने कलां और लहिल कलां की सड़कों के कायाकल्प हेतु लगभग 4 करोड़ की लागत से कार्य शुरू करवाया। साथ ही खनौरी और मूनक में लगभग 5 करोड़ की लागत से पीने योग्य ट्रीटेड नहरी पानी को घर-घर पहुंचाने के लिए पाइपलाइन बिछाने की परियोजनाओं की भी शुरुआत की गई।