Punjab Parali Burn : पंजाब की हवा फिर हुई धुंधली, पराली जलाने की 415 घटनाएं आईं सामने
Punjab Parali Burn : पंजाब में इस वर्ष 15 सितंबर से 21 अक्टूबर तक पराली जलाने की 415 घटनाएं दर्ज की गईं, जबकि पिछले साल इसी अवधि के दौरान 1,510 घटनाएं हुई थीं। पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीपीसीबी) के अनुसार, इस अवधि के दौरान 2023 में पराली जलाने की घटनाओं की संख्या 1,764 थी। यह भारी गिरावट अक्टूबर के पहले सप्ताह तक राज्य में बारिश होने के कारण धान की कटाई में देरी के बीच आई है। पंजाब में बाढ़ से हुए नुकसान के कारण भी कुछ जगहों पर फसल की कटाई में देरी हुई।
खेतों में कड़ी निगरानी और किसानों को पराली जलाने के दुष्प्रभावों के बारे में बताने वाले जागरूकता अभियानों का भी असर हुआ है। पंजाब सरकार के मुताबिक, नागरिक प्रशासन और पुलिस द्वारा पराली जलाने से रोकने के लिए किए गए निरंतर कठोर प्रयासों के महत्वपूर्ण परिणाम सामने आए हैं तथा राज्य में पिछले दो वर्षों की इसी अवधि की तुलना में इस वर्ष पराली जलाने के मामलों में लगभग चार गुना कमी देखी गई है। पीपीसीबी के आंकड़ों के अनुसार, इस साल पंजाब में धान की खेती का कुल रकबा 31.72 लाख हेक्टेयर है। इक्कीस अक्टूबर तक इसमें से 32.84 प्रतिशत की कटाई हो चुकी थी।
तरनतारन जिले में धान की खेती के 67.95 प्रतिशत क्षेत्र में कटाई हो चुकी है। अमृतसर में यह आंकड़ा 70 प्रतिशत है। पराली जलाने की सबसे ज़्यादा घटनाएं इन्हीं दोनों ज़िलों में हुई हैं। खेतों में पराली जलाने की कुल घटनाओं में से तरनतारन में 136, अमृतसर में 120, फिरोजपुर में 41, पटियाला में 27, गुरदासपुर में 16 और संगरूर में 14 घटनाएं दर्ज की गईं। चूंकि अधिकतर जिलों में फसल कटाई का काम तेजी से हो रहा है और किसान आने वाले दिनों में गेहूं की बुवाई के लिए अपने खेत तैयार कर रहे हैं, इसलिए यह देखना बाकी है कि क्या यह संख्या और बढ़ेगी।
पीपीसीबी के अनुसार, अब तक पराली जलाने के 189 मामलों में पर्यावरण क्षतिपूर्ति के रूप में 9.40 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। कुल राशि में से 6.25 लाख रुपये वसूल किए जा चुके हैं। इसके अलावा, पराली जलाने की घटनाओं को लेकर 170 प्राथमिकी दर्ज की गई हैं, जिनमें तरनतारन में 61 और अमृतसर में 50 प्राथमिकी शामिल हैं। पंजाब में 2023 में पराली जलाने की 36,663 और 2024 में 10,909 घटनाएं देखी गईं, जो 70 प्रतिशत की गिरावट दर्ज करती हैं। वर्ष 2022 में यह संख्या 49,922, वर्ष 2021 में 71,304, 2020 में 76,590, वर्ष 2019 में 55,210 और 2018 में 50,590 रही।