Punjab-Haryana Alert : अलर्ट पर पंजाब-हरियाणा प्रशासन; भाखड़ा-ब्यास बांधों में रिकॉर्ड जलभराव, 2025 में सबसे अधिक प्रवाह
तकनीकी समिति ने सात बार की बैठक, धीरे-धीरे छोड़ा जा रहा पानी, फसलों को सिंचाई का भरोसा, मगर धान को नुकसान का खतरा
Punjab-Haryana Alert : भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड (बीबीएमबी) के भाखड़ा और पोंग बांध इस समय इतिहास के सबसे ऊंचे जलस्तर पर पहुंच रहे हैं। बृहस्पतिवार को भाखड़ा बांध का स्तर 1672 फीट और पोंग बांध का स्तर 1393 फीट दर्ज किया गया। इस मानसून सीजन (जुलाई-अगस्त) में पोंग बांध में 9.68 बिलियन क्यूबिक मीटर (बीसीएम) पानी आया है, जो परियोजना की स्थापना के बाद अब तक का सर्वाधिक है। यह 1988 (7.70 बीसीएम) और 2023 (9.19 बीसीएम) जैसे बाढ़ वर्षों से भी अधिक है।
बीबीएमबी ने केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) द्वारा वर्ष 2024 में तैयार रूल कर्व को इस साल से लागू किया है। जल निकासी और संचालन संबंधी फैसले बीबीएमबी की तकनीकी समिति लेती है, जिसमें बीबीएमबी के वरिष्ठ अधिकारी, भागीदार राज्यों के मुख्य अभियंता, केंद्रीय जल आयोग और भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) के प्रतिनिधि शामिल हैं। पहली अगस्त से अब तक समिति सात बार बैठक कर चुकी है और हर निर्णय पारदर्शिता और सुरक्षा को ध्यान में रखकर सर्वसम्मति से लिया गया है।
पंजाब-हरियाणा में सतर्कता
बांधों में रिकॉर्ड जलभराव के कारण पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के निचले क्षेत्रों में प्रशासन अलर्ट पर है।
पंजाब: फिरोजपुर, कपूरथला, होशियारपुर और ब्यास नदी किनारे के गांव प्रभावित हो सकते हैं।
हरियाणा: फतेहाबाद और सिरसा जिलों में प्रशासन ने विशेष निगरानी बढ़ा दी है।
राजस्थान: सतलुज के जरिए छोड़ा गया पानी हनुमानगढ़ व गंगानगर तक असर डाल सकता है।
किसानों के लिए राहत और चुनौती
यह जलभराव सर्दियों की फसल (गेहूं) के लिए सिंचाई का पर्याप्त पानी उपलब्ध कराएगा। मगर, नदी किनारे खड़ी धान की फसल के डूबने और नुकसान की आशंका भी है। बीबीएमबी का कहना है कि पानी की निकासी धीरे-धीरे और नियंत्रित ढंग से की जा रही है। उद्देश्य यह है कि बांध सुरक्षित रहें और नीचे बसे गांवों व खेतों पर कम से कम असर हो।