पंजाब सरकार का नगर निगम को निर्देश : स्वर्ण मंदिर की आभा में न आए कोई रुकावट
स्वर्ण मंदिर (दरबार साहिब) के आसपास ऊंची इमारतों के निर्माण को लेकर पंजाब सरकार ने सख्त रुख अपनाया है। स्थानीय निकाय विभाग ने अमृतसर नगर निगम को निर्देश दिए हैं कि वह इस पवित्र स्थल के आसपास चल रहे और भविष्य के निर्माण कार्यों को तुरंत नियंत्रित करे।
स्थानीय निकाय मंत्री डॉ. रवजोत सिंह के निर्देश पर विभाग ने निगमायुक्त को भेजे पत्र में चिंता जताई है कि आस-पास बन रही बहुमंजिला इमारतें न केवल दरबार साहिब की दृश्य प्रमुखता को बाधित कर रही हैं, बल्कि इसकी आध्यात्मिक, स्थापत्य और विरासत महत्ता को भी प्रभावित कर रही हैं।
पत्र में स्थानीय निकाय विभाग के अवर सचिव कृष्ण गोपाल ने लिखा है कि दरबार साहिब केवल सिखों का धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि दुनियाभर के लोगों की आस्था और श्रद्धा का केंद्र है। इसकी ऐतिहासिक और सौंदर्यात्मक गरिमा को बनाए रखना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यदि निर्माण नियमों का उल्लंघन पाया गया, तो अवैध ढांचों को सील करने या ध्वस्त करने जैसी कड़ी कार्रवाई की जाए। नगर निगम को एक सप्ताह के भीतर इस संबंध में की गई कार्रवाई की रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश भी दिए गए हैं।
2025 में हुआ था बहुमंजिला भवन के निर्माण पर विवाद
गौरतलब है कि मार्च 2025 में स्वर्ण मंदिर के निकट एक बहुमंजिला भवन के निर्माण को लेकर विवाद खड़ा हुआ था। बताया गया था कि यह इमारत शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) के लिए कर सेवा भूरी वाले द्वारा बनाई जा रही थी, जो जत्थेदारों और ग्रंथियों के लिए आधुनिक आवास के रूप में प्रस्तावित थी। हालांकि, विशेषज्ञों और विरासत संरक्षण से जुड़े लोगों ने आशंका जताई थी कि इसकी ऊंचाई अकाल तख्त साहिब से अधिक हो सकती है, जिससे सिख धर्म की सर्वोच्च गद्दी की मर्यादा प्रभावित हो सकती है। इसके बाद मार्च से ही इस भवन की ऊपरी मंजिलों का निर्माण रोक दिया गया था।