पंजाब सरकार का दावा : दो मई की बैठक जल बंटवारे पर नहीं, कानून व्यवस्था को लेकर थी
चंडीगढ़, 23 मई (एजेंसी)पंजाब सरकार ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में दावा किया है कि केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन की अध्यक्षता में 2 मई को हुई बैठक जल बंटवारे के बजाय कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर केंद्रित थी, लेकिन यह...
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चंडीगढ़, 23 मई (एजेंसी)पंजाब सरकार ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में दावा किया है कि केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन की अध्यक्षता में 2 मई को हुई बैठक जल बंटवारे के बजाय कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर केंद्रित थी, लेकिन यह तथ्य अदालत से छिपाया गया। यह दलील सरकार ने उस याचिका में दी है जिसमें 4,500 क्यूसेक अतिरिक्त पानी हरियाणा को छोड़ने के केंद्र के फैसले से जुड़े 6 मई के आदेश की समीक्षा की मांग की गई है। पंजाब का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता गुरमिंदर सिंह ने सुनवाई के बाद पत्रकारों से बातचीत में बताया कि चीफ जस्टिस शील नागू और जस्टिस सुमित गोयल की खंडपीठ के सामने सुनवाई के दौरान अदालत को सही जानकारी नहीं दी गई थी। उन्होंने बताया कि 28 अप्रैल को भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) की बैठक में जल बंटवारे पर कोई निर्णय नहीं लिया गया था और विवाद केंद्र सरकार को भेजा गया था।
'केंद्र को पुनर्विचार करना चाहिए'
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पंजाब सरकार ने यह भी कहा कि कानून-व्यवस्था का प्रबंधन उनका विशेषाधिकार है और पानी छोड़ने के फैसले पर केंद्र को पुनर्विचार करना चाहिए। हाईकोर्ट ने 6 मई के आदेश में पंजाब को भाखड़ा-नंगल बांध के दैनिक संचालन में हस्तक्षेप से रोक रखा है। इस मामले की सुनवाई अगले दिन जारी रहेगी।
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