पंजाब बाढ़ त्रासदी : अवैध खनन से तटबंध कमजोर, केंद्र लाएगा राहत व पुनर्वास योजना : शिवराज चौहान
चौहान ने अमृतसर, पठानकोट और गुरदासपुर का दौरा कर नुकसान का आकलन किया। उन्होंने कहा कि फसलों, पशुधन और किसानों की आजीविका पर गहरा असर पड़ा है। उनके अनुसार, पानी उतरने के बाद संक्रमण का बड़ा खतरा होगा। ऐसे में मृत पशुओं का सुरक्षित निपटान और खेतों में जमी सिल्ट की सफाई बेहद जरूरी है, ताकि अगली फसल सुरक्षित रह सके।
कृषि मंत्री ने आरोप लगाया कि अवैध खनन ने नदियों के तटबंधों को कमजोर कर दिया है। उन्होंने याद दिलाया कि वाजपेयी सरकार और तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के कार्यकाल में सतलुज, ब्यास, रावी और घग्गर के किनारे मजबूत तटबंध बनाए गए थे। लेकिन अवैध खनन के कारण ये तटबंध कमजोर हो गए और पानी गांवों तक पहुंच गया। उन्होंने कहा कि भविष्य के संकट से बचने के लिए इनकी बहाली अनिवार्य है।
चौहान ने माना कि चुनौती बेहद बड़ी है, लेकिन केंद्र सरकार राज्य को हर संभव सहयोग देगी। साथ ही उन्होंने पंजाब सरकार से भी गंभीरता और तत्परता से जमीनी स्तर पर काम करने का आग्रह किया।
केंद्रीय मंत्री ने पंजाब के समाजसेवियों और आम नागरिकों की भावना को सलाम करते हुए कहा कि गांव-गांव में लोग राहत सामग्री, भोजन, कपड़े और दवाइयां पहुंचा रहे हैं। संकट की घड़ी में सेवा करना ईश्वर की पूजा के समान है। पड़ोसी राज्य भी मदद के लिए आगे आए हैं। यही एकजुटता हमें इस आपदा से उबारने की ताकत देगी।