पंजाब में फिर बाढ़ का खतरा!
हाल ही में भीषण बाढ़ की तबाही झेल चुके पंजाब पर अब फिर बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, हिमाचल प्रदेश और जम्मू क्षेत्र में 4 से 7 अक्तूबर के दौरान भारी बारिश होने के मौसम विभाग के ताजा पूर्वानुमान के बाद, बृहस्पतिवार को रंजीत सागर डैम से रावी नदी में अतिरिक्त पानी छोड़ा गया। जल संसाधन विभाग के मुख्य इंजीनियरों और तकनीकी विशेषज्ञों ने भारतीय मौसम विभाग के शीर्ष अधिकारियों के साथ एक वर्चुअल बैठक में इस पर चर्चा की। इस बीच, भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड (बीबीएमबी) ने भी आंतरिक चर्चा शुरू करके रणनीति बनानी शुरू कर दी है।
अक्तूबर का पहला हफ्ता पंजाब के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है। अनुमान है कि इस दौरान बारिश 80 साल का रिकॉर्ड तोड़ सकती है। मौसम विभाग के अनुसार, 4 अक्तूबर की रात से बारिश शुरू होने और 6-7 अक्तूबर को भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना है। इन दो दिनों के दौरान पंजाब में औसतन 110 मिमी, जम्मू क्षेत्र में लगभग 120 और हिमाचल प्रदेश में 160 से 180 मिमी बारिश होने का अनुमान है। मौसम विभाग के अनुसार, चंडीगढ़ और हरियाणा के विभिन्न हिस्सों में भारी बारिश होगी। पंजाब में, खासकर पठानकोट, अमृतसर, तरनतारन, रोपड़, जालंधर, लुधियाना, पटियाला, मोगा, मानसा, गुरदासपुर, बरनाला और बठिंडा में भारी बारिश की संभावना है।
नयी चुनौती को देखते हुए, राज्य सरकार ने रणजीत सागर डैम को खाली करना व रावी नदी में ज्यादा पानी छोड़ना शुरू कर दिया है। दो दिन पहले तक रणजीत सागर डैम से 10 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा था। बृहस्पतिवार दोपहर एक बजे से 37,686 क्यूसेक पानी छोड़ा जाना शुरू कर दिया गया।
विशेषज्ञों का कहना है कि अक्तूबर में इतनी बारिश पहले कभी दर्ज नहीं की गई। पंजाब में लगभग पांच लाख एकड़ फसलें पहले ही प्रभावित हो चुकी हैं। खेतों से रेत हटाने का काम युद्धस्तर पर चल रहा है।
पंजाब सरकार ने हरियाणा को लिखा पत्र
पंजाब सरकार ने बृहस्पतिवार को हरियाणा के जल संसाधन विभाग के मुख्य अभियंता को पत्र लिखकर 6-7 अक्तूबर को संभावित भारी बारिश का हवाला देते हुए कौशल्या डैम को रेगुलेट करने का अनुरोध किया, ताकि पहाड़ों से आने वाले पानी को बांध में संगृहीत किया जा सके और घग्गर नदी उफान पर न आए।