ट्रिब्यून न्यूज सर्विस
चंडीगढ़, 26 सितंबर
कैबिनेट विस्तार से ठीक पहले राज्य में खनन घोटाले में कथित संलिप्तता के आरोपों के बीच राणा गुरजीत सिंह को पंजाब कैबिनेट में आने से रोकने के लिए कांग्रेस के 15 विधायकों ने एक बैठक की। रविवार को पटियाला में पंजाब कांग्रेस प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू के साथ बैठक से पहले दोआबा और माझा के 20 विधायकों का राणा गुरजीत के विरोध में हस्ताक्षर अभियान चल रहा है। सूत्रों ने कहा कि नवजोत सिद्धू राणा गुरजीत सिंह को हटाने के बारे में कांग्रेस आलाकमान से बात कर सकते हैं।
राणा गुरजीत सिंह को 2018 में पूर्व मुख्यमंत्री अमरेंद्र सिंह के मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया गया था, क्योंकि उनका नाम राज्य में एक खनन घोटाले से जोड़ा जाने लगा था। हस्ताक्षरित पत्र में कहा गया है कि दागी राणा गुरजीत सिंह को शामिल किए जाने के प्रस्ताव से जनता और कांग्रेस कैडर के बीच भारी नाराजगी है। पत्र में कहा गया है कि उन्हें, उनके परिवार और उनकी कंपनियों से सीधे जुड़े कुख्यात खनन आवंटन घोटाले के कारण जनवरी 2018 में उन्हें कैबिनेट से हटा दिया गया था। हमें आश्चर्य है कि राणा गुरजीत सिंह को मंत्रिमंडल में क्यों शामिल किया जा रहा है क्योंकि उन्हें हटा दिया गया था और उन्हें किसी अदालत या सरकार से क्लीन चिट नहीं मिली थी।