मानक रचनाओं की प्रस्तुति साहित्य सभा की पहचान : ढिल्लों
समराला, 23 जून (निस)
पंजाबी साहित्य सभा श्री भैणी साहिब में संजीदा लेखक भाग लेते हैं और हर बैठक में सदैव उच्च स्तरीय रचनाओं की प्रस्तुति होती है, जिस कारण यह साहित्य सभा एक विशिष्ट पहचान बनाए हुए है।
यह विचार साहित्य सभा के अध्यक्ष गुरसेवक सिंह ढिल्लों ने बातचीत में जाहिर किए। उन्होंने कहा कि नए लेखकों को लेखन के साथ-साथ गंभीर साहित्यिक अध्ययन और चिंतन करने की सलाह दी जाती है ताकि वे अधिक से अधिक उत्तम साहित्य पढ़कर सभा की मासिक बैठकों में शामिल हों।
गुरसेवक सिंह ढिल्लों ने इस बार की मासिक बैठक में उपस्थित लेखकों द्वारा प्रस्तुत रचनाओं का विवरण देते हुए बताया कि रचनाओं के दौर में कविशर प्रीत संदल मक्सूदड़ा, सुखविंदर भादला ने लघु कहानी, जसवीर सिंह झज्ज ने ग़ज़ल, कमलजीत सिंह नीलों ने कहानी, सुखदेव सिंह कुक्कू घलोटी, अवतार सिंह ओटलां, लखबीर सिंह लभा, जगदेव मक्सूदड़ा, मनदीप सिंह, हरबंस सिंह राए ने गीत प्रस्तुत किए।
इसी तरह बलवंत सिंह विर्क, नेतर सिंह मुत्तों, इंदरजीत कौर लोटे, हजारा सिंह मंड, मनजीत सिंह रागी, बलविंदर सिंह आदि ने गीत प्रस्तुत किए।
ग़ज़लगो जोरावर सिंह पंछी ने ‘पानी का करमंडल’ झोक छंद में पढ़ा और पंजाबी साहित्य सभा के प्रधान गुरसेवक सिंह ढिल्लों ने अपनी पाकिस्तान यात्रा के दौरान एकत्र किए गए रोचक अनुभव ‘पाकिस्तान सफ़रनामा’ की श्रृंखला के रूप में उपस्थित लेखकों के सामने प्रस्तुत किया। हरशदीप सिंह ने गुरु की महिमा में पंक्तियां पढ़ी।
पढ़ी-सुनी रचनाओं पर गुरसेवक सिंह ढिल्लों, प्रीत संदल मक्सूदड़ा, जसवीर सिंह झज्ज, कथाकार तरण सिंह बल, जोरावर सिंह पंछी, नेतर सिंह मुत्तों और उपस्थित शायरों ने रचनात्मक विचार-विमर्श किया। बैठक की कार्यवाही जनरल सेक्रेटरी जगवीर सिंह विक्की ने सुंदर अंदाज में संचालित की। अंत में गुरसेवक सिंह ढिल्लों ने उपस्थित शायरों का धन्यवाद किया।