जोगिंद्र सिंह/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 28 नवंबर
पंजाब यूनिवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन (पूटा) की अगुवाई में एक प्रतिनिधिमंडल आज पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी से मोरिंडा स्थित उनके आवास पर मिला। पूटा प्रधान डॉ. मृत्युंजय कुमार और सचिव अमरजीत सिंह नौरा के साथ प्रो. रौणकी राम और प्रो. इमानुअल नाहर भी मौजूद रहे। प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री चन्नी को कालेज और यूनिवर्सिटी टीचर्स के लंबित पड़े मामलों के बारे में अवगत कराया और पंजाब सरकार से अपील की कि वे सातवें वेतन आयोग को जल्द लागू कर कालेज व यूनिवर्सिटी टीचर्स को यूजीसी के मुताबिक पे-स्केल दे। पूटा ने मुख्यमंत्री को बताया कि उनके पूर्व सीएम रहे कैप्टन अमरेंद्र सिंह की सरकार ने कालेज व यूनिवर्सिटी टीचर्स के पे-स्केल को यूजीसी से डी-लिंक किये जाने का प्रस्ताव पास किया था जिसे वापस लिया जाये और उन्हें भी देश के अन्य राज्यों कगी तरह ही यूजीसी के पे-स्केल दिये जायें। इससे पहले पूटा ने वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल से भी बठिंडा जाकर उनके आवस पर मुलाकात थी थी। 19 अक्तूबर को शिक्षा मंत्री परगट सिंह ने पीफुक्टो और पूटा की पीयू कैंपस में चल रही क्रमिक भूखहड़ताल को उनकी मांगों पर जल्द कोई निर्णय लेने का आश्वासन देकर समाप्त कराया था। प्रो. इमानुअल नाहर सीएम चरणजीत सिंह चन्नी के गुरु भी हैं और राजनीति शास्त्र में उन्हें पीएचडी के गाइड कर रहे हैं और इस समय वे पंजाब के माइनोरिटी कमीशन के अध्यक्ष भी हैं। सीएम चन्नी का थीसिस लगभग तैयार बताया जाता है। थीसिस चूंकि पंजाब के सीएम से जुड़ा है इसलिये उनके गाइड में पूरे ध्यान सभी प्रकार की त्रुटियों और खामियों को दुरुस्त कर लेना चाहते हैं। थीसिस जमा होने के तीन माह के भीतर किसी भी समय मौखिकी देकर डॉक्टरेट की उपाधि हासिल कर सकेंगे। चन्नी ने मंत्री रहते हुए ही पीएचडी के लिये पीयू में अपना रजिस्ट्रेशन कराया था। बताया जाता है कि सीएम ने पूटा शिष्टमंडल की बात तो ध्यान से सुना और पे-स्केल सहित सभी मसलों को जल्द हल करने का भरोसा दिलाया।
अगले-एक-दो दिन में हो सकती है मीटिंग
विश्वस्त सूत्रों का दावा है कि अगले एक-दो दिन के भीतर सीएम इस पर वरिष्ठ अधिकारियों के साथ कोई बड़ी मीटिंग बुला सकते हैं और टीचर्स के हक में फैसला ले सकते हैं। इस बारे में फाइनांस सैक्रेटरी, एजुकेशन सैक्रेटरी और चीफ सैक्रेटरी के साथ सोमवार या मंगवार को बैठक हो सकती है। बातचीत में सीएम चन्नी को साफ कर दिया गया कि नये स्केल लागू करने से पंजाब पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा क्योंकि पीयू का 90 फीसदी बजट तो केंद्र ही देता है। उनके करीबी लोगों ने सीएम को समझाया कि नये वेतनमान को सिर्फ एडाप्ट करना और पुराने सीएम ने जो शिक्षक विरोधी फैसला लिया था उसे वापस लेना है।