मरणोपरांत नेत्रदान कर दूसरे का जीवन रोशन किया पूनम खट्टर ने
बठिंडा, 19 जून (निस)
बठिंडा में एक परिवार ने अपने प्रियजन को खोने के बाद दूसरी बार आंखें दान कर दूसरे को रोशनी देने की पहल की है। इससे पहले माता स्व. भगवानी बाई ने भी लोगों की भलाई के लिए अपनी आंखें दान की थीं। स्वर्गीय सुमन खट्टर ऐसी ही शख्सियत हैं, जिन्होंने अपनी मृत्यु के बाद अपनी आंखें दान कीं। उनके पति एडवोकेट जतिंदर राय खट्टर जिला बार एसोसिएशन बठिंडा के पूर्व अध्यक्ष ने बताया कि उनकी पत्नी सुमन खट्टर की अंतिम इच्छा थी कि उनकी मृत्यु के बाद उनकी आंखें दान कर दी जाएं, ताकि किसी जरूरतमंद व्यक्ति की आंखों की रोशनी वापस आ सके और वे मेरी आंखों से इस दुनिया को देख सकें। जतिंदर राय खट्टर ने बताया कि इससे पहले उनकी माता स्व. भगवानी बाई ने भी लोगों की भलाई लिए अपनी आंखें दान की थीं। जतिंदर राय ने बताया कि उन्होंने अपनी पत्नी की आंखें डॉ. गौरव गुप्ता के अस्पताल आई श्योर अस्पताल को दान कर दी हैं, जोकि सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त अस्पताल है और इस अस्पताल में एक नेत्र बैंक भी स्थापित है। उन्होंने बताया कि ये आंखें किसी जरूरतमंद को दान की जायेंगी। जतिंदर राय ने बताया कि उनकी पत्नी का 11 जून को अचानक निधन हो गया था और 12 जून को उनकी आंखें दान कर दी गई थीं। डॉ. गौरव गुप्ता ने बताया कि खट्टर परिवार समाज सेवा के कार्यों को प्राथमिकता देता है।