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सड़क हादसे के आरोपी सिख युवक जशनप्रीत के लिए इंसाफ की गुहार

सुखबीर बादल ने अमेरिकी अदालत में बिना दस्तार तस्वीरों को सिख पहचान का अपमान बताया

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गांव बादल में शिअद अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल से मुलाकात करते सिख युवक जशनप्रीत सिंह का परिवार। -निस
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डबवाली (लंबी) के सिख युवक जशनप्रीत के लिये परिवारजनों ने इंसाफ की गुराह लगाई है। अमेरिका के सान बर्नार्डिनो काउंटी में सड़क हादसे के मामले में गलत आरोपों में फंसे पंजाब के गुरदासपुर जिले के कस्बा पुरानाशाला के 21 वर्षीय अमृतधारी सिख युवक जशनप्रीत सिंह के समर्थन में न्याय की मांग को लेकर उसके परिवार ने आज शिअद अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल से मुलाकात की।

सुखबीर सिंह बादल ने इस मामले को लेकर अपने सोशल मीडिया हैंडल के माध्यम से भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर से अपील की है कि जशनप्रीत सिंह के अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।

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सिख युवक जशनप्रीत के माता-पिता सुखबीर बादल से मिले

जशनप्रीत के परिजनों ने गांव बादल स्थित सुखबीर बादल के निवास पर हुई मुलाकात के दौरान बताया कि जशनप्रीत एक मेहनती, समझदार और धार्मिक युवक है, जिस पर नशे के प्रभाव में वाहन चलाने का आरोप पूरी तरह झूठा है। परिवार का कहना है कि टॉक्सिकोलॉजी रिपोर्ट गलत तरीके से तैयार की गई है और इसकी दोबारा जांच करवाई जानी चाहिए। इस मौके पर अकाली दल के हलका इंचार्ज कमलजीत सिंह चावला भी उपस्थित थे।

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सुखबीर बादल ने हादसे में जान गंवाने वालों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की और अमेरिकी प्रशासन से मामले की ईमानदार और निष्पक्ष जांच करने की अपील की। उन्होंने अमेरिकी अदालत में बिना दस्तार जशनप्रीत की तस्वीरें सामने आने को बेहद दुखद और सिख पहचान का उल्लंघन बताया। सुखबीर बादल ने कहा कि विदेशों में रह रहे हर सिख को अपनी धार्मिक पहचान और मर्यादा के सम्मान का पूरा अधिकार है।

यह है सिख युवक जशनप्रीत का मामला

गुरदासपुर के निकट पुरानाशाला कस्बे का रहने वाला जशनप्रीत सिंह वर्तमान में अमेरिका में है। उसे वहां की पुलिस ने ग्रॉस व्हीक्यूलर मैनस्लॉटर, ड्रग्स के प्रभाव में गाड़ी चलाने और शारीरिक चोट पहुंचाने के आरोपों में गिरफ्तार किया है। परिवार के अनुसार, बेटे को विदेश भेजने के लिए उन्होंने एक ट्रैवल एजेंट को 40 लाख रुपये दिए थे और उसके भविष्य के लिए घर तक गिरवी रख दिया था। जशनप्रीत नवंबर 2022 में अमेरिका की दक्षिणी सीमा पार कर वहां पहुंचा था। उसके खिलाफ डिपोर्टेशन की सुनवाई लंबित होने के चलते उसे अस्थायी तौर पर रिहा किया गया था।

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