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पीजीआई के हेमोटोलॉजी विभाग को मिली डायग्नोस्टिक नेक्स्ट-जनरेशन सीक्वेंसिंग टेस्टिंग मशीन

चंडीगढ़, 20 जुलाई (ट्रिन्यू) पीजीआई चंडीगढ़ के हेमोटोलॉजी विभाग में एक नयी नेक्स्ट-जनरेशन सीक्वेंसिंग उपकरण की स्थापना की गई। हेमटोलॉजी (प्रयोगशाला) की प्रमुख डॉ. रीना दास और क्लिनिकल हेमटोलॉजी और मेडिकल ऑन्कोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ. पंकज मल्होत्रा ने बताया...
पीजीआई चंडीगढ़ में नयी नेक्स्ट-जनरेशन सीक्वेंसिंग उपकरण का शुभारंभ करते हेमोटोलॉजी (प्रयोगशाला) की प्रमुख डॉ. रीना दास और क्लिनिकल हेमोटोलॉजी और मेडिकल ऑन्कोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ. पंकज मल्होत्रा। -ट्रिन्यू
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चंडीगढ़, 20 जुलाई (ट्रिन्यू)

पीजीआई चंडीगढ़ के हेमोटोलॉजी विभाग में एक नयी नेक्स्ट-जनरेशन सीक्वेंसिंग उपकरण की स्थापना की गई। हेमटोलॉजी (प्रयोगशाला) की प्रमुख डॉ. रीना दास और क्लिनिकल हेमटोलॉजी और मेडिकल ऑन्कोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ. पंकज मल्होत्रा ने बताया यह उन्नत उपकरण आधुनिक प्रयोगशालाओं में कई गंभीर रक्त रोगों के निदान में मदद करता है। सरकारी अस्पताल में इस सुविधा की उपलब्धता से विभिन्न गंभीर रक्त कैंसर वाले मरीजों के लिए लाभदायक होगी।

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इनके अलावा अज्ञात कारणों से रक्तस्राव या एनीमिया (रक्त की कमी) से पीड़ित रोगियों के लिए यह मशीन अत्यंत उपयोगी सिद्ध होगी। इसके अभाव में ऐसे रोगी अपनी बीमारियों के निदान के लिए एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल भटकते रहते हैं।

इस सीक्वेंसर से उनके प्रतीक्षा समय में कटौती होगी, साथ ही उनकी भावी पीढ़ियों को हीमोफिलिया और थैलेसीमिया जैसी खतरनाक आनुवंशिक रक्त की बीमारियों से छुटकारा पाने की उम्मीद भी मिलेगी।

पीजीआई बड़ी संख्या में गरीब मरीजों के साथ-साथ सरकारी कल्याणकारी योजनाओं जैसे के आयुष्मान भारत, जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम, सी.जी.एच.एस. और हिमकेयर तहत आने वाले मरीजों का इलाज चलता है। इसलिए, इस शीर्ष संस्थान में इस सेवा की शुरुआत समाज के इन वंचित और ज़रूरतमंद वर्गों के लिए जीवन-रक्षक साबित होगी।

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