जिला परिषद चुनाव से पहले पटियाला के SSP वरुण शर्मा छुट्टी पर, वायरल ऑडियो क्लिप मामले की सुनवाई आज
Punjab News: जिला परिषद और पंचायत समिति चुनाव से ठीक पहले पटियाला में बड़ा प्रशासनिक घटनाक्रम सामने आया है। मतदान 14 दिसंबर को होना है और इसी बीच पटियाला के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) वरुण शर्मा अचानक एक सप्ताह की...
Punjab News: जिला परिषद और पंचायत समिति चुनाव से ठीक पहले पटियाला में बड़ा प्रशासनिक घटनाक्रम सामने आया है। मतदान 14 दिसंबर को होना है और इसी बीच पटियाला के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) वरुण शर्मा अचानक एक सप्ताह की छुट्टी पर चले गए हैं। यह कदम उस समय उठाया गया है जब पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में आज वायरल ऑडियो-क्लिप विवाद पर अहम सुनवाई होनी है।
पुलिस विभाग के सूत्रों ने पुष्टि की है कि SSP शर्मा मंगलवार शाम को अवकाश पर चले गए। फिलहाल संगरूर SSP सरताज चाहल को पटियाला की पुलिस व्यवस्था का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। हालांकि, यह राज्य चुनाव आयोग पर निर्भर करेगा कि वह पटियाला जिले के चुनाव-सम्बंधित कार्यों की निगरानी के लिए किसी अन्य अधिकारी की आधिकारिक तौर पर नियुक्ति करता है या नहीं।
एक वरिष्ठ IPS अधिकारी ने कहा, “SSP वरुण शर्मा छुट्टी पर हैं। इसकी जानकारी चंडीगढ़ मुख्यालय को भी दे दी गई है।”
हाईकोर्ट ने दिया था जांच तेज करने का निर्देश
छुट्टी का यह निर्णय उस समय आया है जब हाईकोर्ट ने सोमवार को राज्य चुनाव आयोग को वायरल ऑडियो क्लिप की जांच तेज करने का आदेश दिया था। शिरोमणि अकाली दल (SAD) अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने पिछले सप्ताह एक ऑडियो क्लिप जारी की थी, जिसमें कथित रूप से SSP शर्मा अपने अधीनस्थ अधिकारियों को विपक्षी उम्मीदवारों को नामांकन भरने से रोकने के निर्देश देते सुनाई दे रहे हैं।
निष्पक्ष चुनाव की मांग, CBI जांच की अपील
पूर्व विधायक डॉ. दलजीत सिंह चीमा ने इस मामले में जनहित याचिका दायर की है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि नामांकन प्रक्रिया के दौरान विपक्षी दलों को व्यवस्थित रूप से रोका गया। याचिका में SSP शर्मा के निलंबन, और सात दिनों के भीतर CBI-निगरानी में FIR दर्ज करने की मांग की गई है। याचिकाकर्ता का कहना है कि जब आरोप पुलिस व्यवस्था के कामकाज से जुड़े हों तो राज्य पुलिस द्वारा ‘आंतरिक जांच’ का कोई अर्थ नहीं है।
याचिका में उस कथित वायरल कॉन्फ्रेंस कॉल का भी जिक्र है, जिसे कोर्ट में प्रस्तुत किया गया है। इसमें कथित रूप से कहा गया है कि विपक्षी उम्मीदवारों को घरों और रास्तों में रोका जाए, स्थानीय विधायकों के निर्देश माने जाएं, सत्ताधारी दल AAP से जुड़े लोगों को “सकारात्मक रिपोर्ट” मिले और रिटर्निंग अधिकारी विपक्षी नामांकन रद्द कर दें ताकि कई सीटें बिना मुकाबले जीत ली जा सकें—जो आचार संहिता का स्पष्ट उल्लंघन है।
राजनीतिक तापमान बढ़ा
पटियाला SSP के छुट्टी पर जाने से राजनीतिक हलचल और तेज हो गई है। अब नजरें आज होने वाली हाईकोर्ट की सुनवाई और चुनाव आयोग की अगली कार्रवाई पर टिकी हैं।

