चंडीगढ़, 17 जुलाई (ट्रिन्यू)
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने उत्तर प्रदेश की तर्ज पर सभी जिलों के प्रभारी मंत्री लगा दिए गए हैं। किसी भी मंत्री को उसका गृह जिला नहीं दिया गया है। अर्थात अब मंत्री एक-दूसरे के गृह जिलों में चल रहे विकास कार्यों की निगरानी करेंगे और जनता की समस्याओं का समाधान करेंगे। पंजाब में पहले भी जिला शिकायत निवारण कमेटियों के गठन का चलन रहा है। इस बार इस नाम और काम बदलकर नए सिरे से लागू किया गया है। पंजाब सरकार बहुत जल्द प्रदेश में संगत दर्शन कार्यक्रम भी शुरू करने जा रही है। मंत्रियों को अब नियमित तौर पर इन जिलों में जाकर लोगों की मुश्किल सुननी होगी। इसके अलावा अफसरों से मीटिंग कर विकास कार्यों की प्रगति की भी जांच करनी होगी। सीएमओ द्वारा जारी सूची के अनुसार वित्तमंत्री हरपाल चीमा को पटियाला, उच्च शिक्षा मंत्री गुरमीत सिंह मीत हेयर को अमृतसर और तरनतारन, सामाजिक सुरक्षा मंत्री डॉ.बलजीत कौर को बठिंडा और मानसा, बिजली मंत्री हरभजन सिंह को फिरोजपुर और मोगा तथा वन मंत्री लालचंद कटारूचक्क को लुधियाना का इंचार्ज बनाया है।
ग्रामीण विकास मंत्री कुलदीप धालीवाल को गुरदासपुर और पठानकोट, ट्रांसपोर्ट मंत्री लालजीत भुल्लर को संगरूर, राजस्व मंत्री ब्रह्मशंकर जिंपा को रोपड़ और मोहाली, जेल और शिक्षा मंत्री हरजोत बैंस को होशियारपुर, शहरी विकास मंत्री अमन अरोड़ा को फतेहगढ़ साहिब और मुक्तसर साहिब, स्थानीय निकाय मंत्री डॉ. इंद्रबीर निज्जर को जालंधर, रक्षा सेवा भलाई मंत्री फौजा सिंह सरारी को फरीदकोट और फाजिल्का, स्वास्थ्य मंत्री चेतन सिंह जोड़ा माजरा को बरनाला और मलेरकोटला, पर्यटन मंत्री अनमोल गगन मान को शहीद भगत सिंह नगर जिला की जिम्मेदारी सौंपी है।
ट्रैफिक नियमों को लेकर जुर्माने संबंधी फैसले पर पुनर्विचार हो : जिम्पा
चंडीगढ़ (ट्रिन्यू) : पंजाब सरकार ने जहां ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वालों के लिए जुर्माने की नई दरें लागू कर दी है वहीं पंजाब के राजस्व मंत्री ने अपनी ही सरकार के फैसले का विरोध करते हुए कहा है कि जुर्माना राशि बढ़ाने की बजाए नियम तोडऩे वालों को जागरूक किया जाए। पंजाब में पहले ओवरस्पीड पर पहले पहली बार में एक हजार और दूसरी बार में दो हजार जुर्माना होता था। इसी तरह अन्य उल्लंघनों पर भी जुर्माना राशि बढ़ा दी है। सरकार से इस फैसले पर पुनर्विचार करने की मांग करते हुए राजस्व मंत्री ब्रह्मशंकर जिंपा ने कहा कि जितने का जुर्माना है, उतने का तो व्हीकल ही होता है। इसलिए गलती करने वाले को एक मौका देना चाहिए। उसे कहा जाना चाहिए कि आगे से ड्राइविंग लाइसेंस नहीं मिलेगा। उन्होंने कहा कि सरकार को इस जुर्माने को चेंज करने की जरूरत है। किसी को 10 हजार जुर्माना होगा तो वह परेशान हो जाएगा। यह ठीक नहीं है।