कैबिनेट मंत्री अमन अरोड़ा का आवास घेरेंगे एनएसक्यूएफ शिक्षक
फ्रंट नेताओं ने बताया कि राष्ट्रीय कौशल योग्यता फ्रेमवर्क (एनएसक्यूएफ) योजना के तहत वर्ष 2014 से पंजाब के सरकारी स्कूलों में 2,633 प्रशिक्षक निजी कंपनियों के माध्यम से कार्यरत हैं। उनका मासिक वेतन शुरुआती 15,100 रुपये से बढ़कर केवल 18,300 रुपये तक पहुंचा है, जिसे बेहद नगण्य बताया गया। वर्तमान में इस योजना से दो लाख से अधिक छात्र 17 ट्रेडों में शिक्षा ले रहे हैं।
जिला प्रधान जगजीत सिंह ने आरोप लगाया कि मान सरकार शिक्षकों की समस्याओं को टाल रही है। कम वेतन, नौकरी की असुरक्षा और प्राइवेट कंपनियों के शोषण से शिक्षक मानसिक तनाव झेल रहे हैं। फ्रंट की मांग है कि आउटसोर्सिंग व्यवस्था समाप्त कर उन्हें विभागीय अनुबंध पर रखा जाए और ‘समान काम, समान वेतन’ लागू किया जाए। गगन शर्मा, रजनी वर्मा समेत अन्य नेताओं ने कहा कि 20 अगस्त की बैठक निर्णायक साबित होगी। यदि समाधान नहीं निकला, तो 24 अगस्त से आंदोलन और तेज होगा।