चंडीगढ़, 18 अप्रैल (ट्रिन्यू)
पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार को बने अभी एक माह हुआ है और पार्टी में विद्रोह शुरू हो गया है। पंजाब की महिला एवं बाल विकास मंत्री पर अनदेखी का आरोप लगाते हुए दर्जनों कार्यकर्ता उनके घर के बाहर धरने पर बैठ गए हैं। हालांकि सोमवार को पार्टी ने ब्लाक अध्यक्ष समेत तीन नेताओं को पार्टी से बाहर कर दिया है लेकिन मंत्री आवास के बाहर कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन अभी भी जारी है। पंजाब के मलौट में आप कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन रविवार को दोपहर बाद शुरू हुआ। आप कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि कैबिनेट मंत्री डॉ़ बलजीत कौर ने उन लोगों को अपने नजदीक कर लिया है, जो विधानसभा चुनाव के दौरान ही कांग्रेस छोडक़र आप में शामिल हुए थे। यह वही लोग हैं जो कांग्रेस सरकार के दौरान क्षेत्र के तत्कालीन विधायक अजायब सिंह भट्टी के साथ रहा करते थे और आम लोगों को भट्टी से मिलने नहीं देते थे।
वहीं लोग अब डॉ़ बलजीत कौर के पास हो गए हैं। इनके कारण वर्ष 2014 से पार्टी के साथ जुड़े हुए और डॉ़ बलजीत की जीत के लिए दिन-रात एक करने वाले टकसाली वर्करों की कोई सुनवाई नहीं हो रही है। उन्हें मिलने के लिए पहले टोकन लेने को कहा जाता है। फोन पर भी बात नहीं करवाई जाती। डा. बलजीत की ओर से भी इन नेताओं को ही तरजीह दी जा रही है। आप कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि इलाके में खुलेआम नशा बिक रहा है। अपराधिक घटनाओं में वृद्धि होने से पार्टी की छवि धूमिल हो रही है लेकिन मंत्री द्वारा कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
घर के बाहर प्रदर्शन होने के बाद मंत्री बलजीत कौर ने प्रदर्शनकारियों से मुलाकात करके उन्हें समझाने का भी प्रयास किया लेकिन वह नहीं माने और रातभर मंत्री के घर के बाहर धरने पर डटे रहे। सोमवार की सुबह मामला मुख्यमंत्री तक पहुंचा। पार्टी में चली अंदरूनी उठापटक के बाद धरने का नेतृत्व कर रहे ब्लाक प्रधान राजीव उप्पल, यूथ विंग के सचिव साहिल मोंगा व गुरमेल सिंह को पार्टी से निकाल दिया गया। आप के जिला प्रधान जगदेव सिंह ने कहा कि उन्होंने पार्टी और सरकार की छवि को नुकसान पहुंचाया है। बलजीत कौर ने उन्हें कई बार समझाने की कोशिश की। प्रदर्शनकारियों ने अपना कोई मांगपत्र भी नहीं दिया। बिना कारण धरना लगाकर पार्टी की छवि खराब की है।
3 लाख करोड़ के कर्ज का मांगा हिसाब, जांच होगी
पंजाब सरकार ने पूर्व की सरकारों के समय में लिए गए कर्ज की जांच करवाने का ऐलान किया है। मान सरकार पूर्व समय के सरकारों द्वारा लिए गए कर्ज पर जल्द ही एक श्वेत-पत्र लेकर आ रही है। पंजाब में समय-समय की सरकारों द्वारा लिया कर्ज राज्य में बड़ा मुद्दा रहा है। यही नहीं पूर्व की सरकारों पर कर्ज की राशि का सही इस्तेमाल नहीं किए जाने के आरोप भी लगते रहे हैं। अब भगवंत मान सरकार ने सभी सरकारों का हिसाब-किताब खंगालने के आदेश जारी कर दिए हैं। पंजाब के सिर इस समय करीब तीन लाख करोड़ का कर्ज खड़ा है। हालांकि विपक्षी दल भाजपा द्वारा यह दावा किया जाता रहा है कि मान सरकार भी एक माह के भीतर तीन हजार करोड़ का कर्ज ले चुकी है। इस उठापटक के बीच सोमवार को मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पुराने सभी मुख्यमंत्रियों के कार्याकाल में लिए गए कर्ज पर रिपोर्ट मांग ली है। आप द्वारा मुख्यमंत्री भगवंत मान के हवाले से इस बारे में ट्वीट करके जानकारी दी गई। इसमें कहा गया है कि पंजाब की पूर्व सरकारें करीब तीन लाख करोड़ का कर्ज छोड़ गई हैं परंतु यह कर्ज कहां इस्तेमाल किया गया है। यह जांच करवाकर रिकवरी की जाएगी क्योंकि यह लोगों का पैसा है। आप के इस ट्वीट के बाद साफ हो गया कि सरकार अपने पहले बजट के दौरान पिछली सरकारों द्वारा लिए गए कर्ज पर श्वेत पत्र जारी करेगी।