अशोक प्रेमी/जितेंद्र अग्रवाल
राजपुरा/अम्बाला शहर, 17 अप्रैल
किसान आंदोलन के दौरान शंभू व खनौरी बार्डर पर गिरफ्तार किए गए लोगों की रिहाई की मांग पर किसान रेलवे ट्रैक पर बैठ गए हैं। इन लोगों ने रिहाई होने तक ट्रेनें रोकने का ऐलान किया है। जानकारी के अनुसार किसानों के प्रदर्शन के चलते 34 ट्रेनें प्रभावित हुई हैं। इनमें से 11 ट्रेनों को रद्द किया गया है जबकि कई के रूट बदले गए हैं। आंदोलनरत किसान जत्थेबंदियां सरकार से युवा नेता नवदीप सिंह जलबेड़ा समेत तीन किसानों की रिहाई की मांग कर रही हैं।
बताया गया कि आंदोलनकारियों ने किसान नेताओं की रिहाई के लिए अल्टीमेटम दिया था। समय निकलने पर किसान जत्थेबंदियों के आदेश पर बुधवार को हजारों लोग शंभू रेलवे स्टेशन पहुंच गए और पंजाब से हरियाणा के बीच ट्रेनों की आवाजाही ठप कर दी। इस बीच, भारी संख्या में मौजूद पुलिस ने उन्हे रेलवे ट्रैक पर जाने से रोकने की कोशिश की। पंजाब पुलिस ने किसानों को रोकने के लिए दो जगह नाके लगाये, लेकिन जमकर हुई धक्का मुक्की के बीच किसानों ने रेलवे ट्रैक पर पहुंचकर धरना शुरू कर दिया। साथ ही यहां पर टेंट आदि लगाने शुरू कर दिए। आंदोलनकारियों को समझाने के लिए पटियाला रेंज के डीआईजी हरचरन सिंह भुल्लर, एसएसपी वरुण शर्मा भी पहुंचे।
किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल, मनजीत सिंह सहित अनेक नेताओं ने बताया कि 13 फरवरी से शंभू व खनौरी बार्डर पर चल रहे अंदोलन के समय से हरियाणा व अन्य प्रदेशों में गिरफ्तार किए गए किसान नेताओं को रिहा करने के लिए गत 9 अप्रैल तक का समय दिया गया था। प्रशासन ने हम से बात कर 16 अप्रैल तक किसान नेताओं को छोड़े जाने का भरोसा दिया था, लेकिन ऐसा किया नहीं। इसके चलते आज से अनिश्चित काल के लिए रेलवे ट्रैक पर धरना शुरू कर दिया गया है। उन्होंने चेतावनी दी कि अब भी सरकार नहीं चेती तो अन्य स्थानों पर भी धरना दिया जाएगा।
किसान नेताओं ने आरोप लगाया कि पंजाब सरकार केंद्र से मिली है। पुलिस अधिकारियों के रवैये से लगा कि पंजाब सरकार भी किसान विरोधी है। आम लोगों को हो रही समस्याओं के सवाल पर उन्होंने कहा, ‘हमने तो सरकार को पहले भी समय दिया था, लेकिन उन्होंने हमारे नेताओं को नहीं छोड़ा। इस स्थिति के लिए केंद्र एवं हरियाणा सरकार जिम्मेदार है। जब तक हिरासत में लिए गए किसानों को रिहा नहीं किया जाएगा, हम ट्रैक को जाम रखेंगे।’