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पार्थिव शरीर के लिए सिविल अस्पताल में नहीं मिला फ्रीज़र, भटकता रहा शहीद का परिवार!

सरकार शहीदों के सम्मान में बड़े-बड़े भाषण देते नहीं थकती, वहीं सिक्किम में बर्फ हटाते समय बुलडोजर पलटने से शहीद हुए नमोल गांव के सैनिक रिंकू सिंह के पार्थिव शरीर को रखने के लिए सिविल अस्पताल से फ्रीज़र न मिलने...
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सरकार शहीदों के सम्मान में बड़े-बड़े भाषण देते नहीं थकती, वहीं सिक्किम में बर्फ हटाते समय बुलडोजर पलटने से शहीद हुए नमोल गांव के सैनिक रिंकू सिंह के पार्थिव शरीर को रखने के लिए सिविल अस्पताल से फ्रीज़र न मिलने से शहीद का परिवार देर रात तक भटकता रहा। जानकारी के अनुसार अस्पताल के कर्मचारियों ने कथित तौर पर परिवार को फ्रीज़र देने के बजाय उन्हें सुनाम या भवानीगढ़ अस्पताल जाने को कहा। हालांकि, एसएमओ ने इन आरोपों को बेबुनियाद बताया है। फ्रीज़र लेने सिविल अस्पताल पहुंचे शहीद के परिवार के सदस्य जगसीर सिंह ने अस्पताल प्रशासन पर आरोप लगाया है कि उन्हें शहीद के पार्थिव शरीर को रखने के लिए अस्पताल से फ्रीज़र नहीं मिला। हालांकि प्रशासनिक अधिकारियों को शहीद के घर जाकर उनका दुख साझा करना चाहिए था, लेकिन शहीद के परिवार को सम्मान देने के बजाय अस्पताल ने उन्हें फ्रीज़र के लिए कई घंटों तक जूझने पर मजबूर किया।

क्या कहते हैं सीनियर मेडिकल अफसर

सिविल अस्पताल के सीनियर मेडिकल अफसर डॉ. विनोद कुमार ने बताया कि शहीद के परिवार को फ्रीजर देने से मना नहीं किया गया। अस्पताल के मुर्दाघर में कुल 6 फ्रीजर हैं। परिवार ने बताया कि शहीद रिंकू सिंह का पार्थिव शरीर बृहस्पतिवार को संगरूर लाया जाएगा, उसे रखने के लिए उन्हें फ्रीजर की ज़रूरत है। इसलिए परिवार को धुरी या सुनाम के सरकारी अस्पताल से संपर्क करने को कहा गया था, लेकिन फिर उन्होंने शहीद के पार्थिव शरीर को रखने के लिए फ्रीजर रिजर्व करवा लिया।

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