चंडीगढ़, 8 अगस्त (ट्रिन्यू)
पंजाब विश्वविद्यालय सीनेट की टेक्नीकल एवं प्रोफेशलन कालेज प्रिंसिपल कास्टीचुएंसी से प्रिंसिपल सविता कांसल, डॉ. संदीप कटारिया और नीतू ओहरी हांडा ने जीत दर्ज की है। गुरु नानक कालेज आफ एजुकेशन गोपालपुर, लुधियाना की नीतू ओहरी को 13 वोट मिले जबकि संदीप कटारिया को 16 मत मिले। ये दोनों पंजाब स्थित कालेजों से सीनेटर चुने गये हैं जबकि सविता कांसल को यूटी चंडीगढ़ से चुना गया है। भाजपा ग्रुप से नीतू ओहरी ने जहां सीनेट में जगह बना ली है वहीं दो सीटों पर नवदीप व अशोक गोयल ग्रुप ने बाजी मारी। तरलोक बंधु (5) और सरबजीत कौर (10) को हार का मुंह देखना पड़ा। इस कांस्टीचुएंसी में एक वोट को लेकर विवाद खड़ा हो गया था जिसके चलते मामाला कोर्ट चला गया था। वैध वोट 45 बताये जाते हैं तीन को अवैध करार दे दिया गया था। कोर्ट को भेजी गयी सीलबंद लिफाफे में कुल 46 वोट थीं। इससे पहले इसी कांस्टीचुएंसी के स्टाफ की तीन सीटों पर एक भाजपा की नीरू मलिक जीत दर्ज कर चुकी हैं जबकि दो सीटें (सुकेश कुमार और गुरमीत सिंह) गोयल ग्रुप के खाते में गयी थी। सीनेट का अगले चरण का चुनाव 10 अगस्त को होना है।
प्रो. एसके मेहता बने लद्दाख यूनिवर्सिटी के कुलपति
पंजाब विश्वविद्यालय के कैमिस्ट्री के प्रोफेसर एसके महता को यूनिवर्सिटी आफ लद्दाख का कुलपति नियुक्त किया गया है। जाने-माने साइंटिस्ट और रायल सोसायटी आफ कैमिस्ट्री के फेलो प्रो. मेहता का कार्यकाल तीन साल का रहेगा। इस संबंध में लद्दाख के उप-राज्यपाल की ओर से एक पत्र आया है। प्रो. मेहता कैमिस्ट्री विभाग के अध्यक्ष और एसएआईएफ/सीआईएल के निदेशक भी रहे हैं। वे क्रिक (चंडीगढ़ रीजन इनोवेशन एंड नॉलेज कलस्टर) के कोआर्डीनेटर और एमएचआरडी के इनिशिएटिव ज्ञान के लोकल कोआर्डीनेटर के अलावा यूजीसी-सीएएस कोआर्डीनेटर भी रह चुके हैं। डॉ. मेहता के खाते में 360 से ज्यादा शोध-पत्र हैं जो राष्ट्रीय एवं अतंर्राष्ट्रीय स्तर के जर्नल में छपे हैं। उनका एच-इंडेक्स 50 है और आई10- 210 है जबकि साइटेशन 8400 हैं। उनकी 15 किताबें भी प्रकाशित हो चुकी हैं। इसके अलावा भी उन्हें कई सम्मानों एवं अवार्डों से नवाजा जा चुका है जिसमें हरियाणा विज्ञान रत्न अवार्ड भी शामिल है। केमिकल रिसर्च सोसायटी आफ इंडिया के भी वे ब्रांज मेडल विजेता है।
प्रो.सिद्धू पंजाब साइंस एकेडमी के एग्जिक्यूटिव मैंबर बने
पंंजाब विश्वविद्यालय के बॉटनी विभाग के प्रोेफेसर एमसी सिद्धू को पंजाब एकेडमी आफ साइंसिज का एग्जिक्यूटिव मैंबर चुना गया है। वे मार्च 2024 तक अपनी सेवाएं देंगे। प्रो. सिद्धू 2012 से 2016 के बीच पीयू सीनेट के सदस्य भी रह चुके हैं। वे इंडियन बॉटेनिकल सोसायटी और सोसायटी फार प्लांट रिसर्च के फेलो भी हैं। प्रो. सिद्धू ने फैकल्टी आफ डेरिंग, एनिमल हसबैंडरी एंड एग्रीकल्चर के डीन और सचिव के तौर पर भी अपनी सेवाएं दी हैं। वे दो बार पंजाब यूनिवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन (पूटा) के सचिव भी रह चुके हैं। पौधरोपण अभियान और पौधों के लिये हेल्थ प्रोग्राम चलाने के लिये भी प्रो. सिद्धू को जाना जाता है। प्रो. सिद्धू हर साल कई मौकं पर पौधरोपण अभियान चलाते हैं जिसमें वे पारिस्थितिकी के हिसाब से पौधे लगाते हैं।