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सतगुरु राम सिंह के विचार को अपनाने की जरूरत : संधवां

लुधियाना, 14 फरवरी (निस) श्री सतगुरु राम सिंह जी ने ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ गैर-सैन्यीकृत आंदोलन शुरू करके भारत के स्वतंत्रता संग्राम की नींव रखी और देश को धार्मिक, सामाजिक और राजनीतिक मार्गदर्शन प्रदान किया। उन्होंने सत्य, सत्याग्रह और अहिंसा...
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लुधियाना, 14 फरवरी (निस)

श्री सतगुरु राम सिंह जी ने ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ गैर-सैन्यीकृत आंदोलन शुरू करके भारत के स्वतंत्रता संग्राम की नींव रखी और देश को धार्मिक, सामाजिक और राजनीतिक मार्गदर्शन प्रदान किया। उन्होंने सत्य, सत्याग्रह और अहिंसा के सिद्धांतों की रक्षा की और इन सिद्धांतों को अपनाकर देश के स्वतंत्रता आंदोलन में उल्लेखनीय योगदान दिया। सतगुरु राम सिंह के विचार को समाज सुधार के लिये अपनाने की जरूरत है। ये विचार पंजाब विधानसभा के स्पीकर कुलतार सिंह संधवां ने सतगुरु राम सिंह जी की 208वीं जयंती के अवसर पर यहां से 30 किलोमीटर दूर नामधारी मुख्यालय श्री भैणी साहिब में पंजाब सरकार द्वारा आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम को संबोधित करते हुए व्यक्त किये। इस अवसर पर सतगुरु उदय सिंह विशेष रूप से उपस्थित थे। कूका शहीदों के बलिदान का जिक्र करते हुए श्री संधवां ने कहा कि श्री सतगुरु राम सिंह ने बहादुर क्रांतिकारियों का निर्माण किया, जिन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ बहादुरी से लड़ाई लड़ी और देश को आजाद कराने के लिए बंदूकों के सामने खड़े होकर अपने प्राणों की आहुति दे दी।

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उन्होंने कहा कि 66 नामधारी सिंहों को अंग्रेजों ने मालेरकोटला में गोली मार दी थी और कई नामधारी सिंहों को लुधियाना, रायकोट और अमृतसर में भी सार्वजनिक रूप से फांसी देकर शहीद कर दिया था। उन्होंने कहा कि नामधारियों ने आजादी की लड़ाई में काफी कुर्बानियां दीं, जिसे कभी भुलाया नहीं जा सकता। उन्होंने कहा कि वह नामधारी सतगुरु राम सिंह जी ही थे जिन्होंने गुरुओं के दिखाए अहिंसा के मार्ग पर चलते हुए अंग्रेजों और उनके द्वारा दी गई सुख-सुविधाओं का पूर्ण बहिष्कार किया।

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