समराला में साहित्य सभा की मासिक बैठक
साहित्य सभा की मासिक बैठक अध्यक्ष एडवोकेट नरेंद्र शर्मा की अध्यक्षता में आयोजित की गई। रचनात्मक सत्र के दौरान नरेंद्र शर्मा की कविता ‘रैक’, जो साहित्यकारों के निधन के बाद उनकी पुस्तकों की उपेक्षा पर आधारित थी, विशेष चर्चा और बहस का विषय बनी रही। परम सियाण मोरिंडा ने अपनी नई कविता ‘ज़िंदगी का गीत’ सुनाई। जवाला सिंह थिंद ने लघुकथा ‘आम बनाम खास’ प्रस्तुत की। सभा में पहली बार पहुंची प्रिंसिपल श्वेता घई खन्ना का गर्मजोशी से स्वागत किया गया, जिन्होंने अपनी कहानी ‘मंज़ूर है’ सुनाई। वरिष्ठ चिंतक गुरभगत सिंह गिल, कहानीकार बलविंदर गरेवाल, जतिंदर हांस और संदीप समराला ने सार्थक सुझाव प्रस्तुत किए। संतोख सिंह कोटाला ने लेख ‘पहला पानी जीयो है’ सुनाया। कहानीकार मंदीप डड्याणा ने अपनी कहानी ‘कूंजां’ सुनाई, जो समलैंगिक विषय को छूती एक अनोखी रचना थी। दीप दिलबर ने अपनी आगामी पुस्तक ‘अजीबो गरीब, पर सच्ची बातें’ के कुछ अंश भी साझा किए।