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मोहाली में डंपिंग ग्राउंड की जगह बनी बड़ी पहेली

राजनीतिक और प्रशासनिक टकराव के कारण शहर में कचरे की समस्या बढ़ी

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 मोहाली में कूड़े की समस्या का असली समाधान डंपिंग ग्राउंड के लिए उपयुक्त जगह ढूंढना है, लेकिन यह काम अब मुश्किल साबित हो रहा है। शहर के हर हिस्से में कचरे के ढेर बढ़ते जा रहे हैं, पर नगर निगम और प्रशासन दोनों ही डंपिंग साइट की पहचान को लेकर पीछे हट रहे हैं। स्थानीय लोगों के विरोध का डर और आगामी नगर निगम तथा विधानसभा चुनावों को देखते हुए राजनीतिक और प्रशासनिक अधिकारी किसी भी जोखिम भरे निर्णय से बच रहे हैं।

कुछ महीने पहले मेयर अमरजीत सिंह ने गमाडा के मुख्य प्रशासक से मुलाकात कर झंझेड़ी के पास जमीन की पेशकश का जिक्र किया, लेकिन ग्रामीणों ने विरोध जताया और साफ कहा कि किसी भी हालत में यहां कूड़ा नहीं फेंका जाएगा। बाद में समगोली क्षेत्र का नाम लिया गया, लेकिन वहां जमीन कानूनी विवाद में फंसी हुई है और सड़क जैसी बुनियादी सुविधाएं भी नहीं हैं।

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पुराने डंपिंग ग्राउंड के पास कुछ जमीन प्रोसेसिंग के लिए उपलब्ध कराई गई, लेकिन यह भी विवाद में है। नगर निगम के अनुसार वहां फिलहाल ग्रीन वेस्ट को परीक्षण के तौर पर डाला जा रहा है।

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मामले में मेयर और विधायक एक-दूसरे पर जिम्मेदारी डाल रहे हैं। विधायक कुलवंत सिंह का कहना है कि जगह तय करना मेयर की जिम्मेदारी है, जबकि मेयर का कहना है कि जमीन देना सरकार का काम है।

कुल मिलाकर, डंपिंग ग्राउंड की जगह का मामला राजनीतिक और प्रशासनिक टकराव का शिकार बन गया है, जिसका खामियाजा सीधे तौर पर मोहाली के नागरिक भुगत रहे हैं।

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