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भूमि अधिग्रहण में अनियमितताएं, मोगा की अतिरिक्त उपायुक्त चारुमिता निलंबित

मोगा जिले की उपायुक्त चारुमिता के निलंबन का मामला सामने आया है। सरकार ने एडीसी और नगर आयुक्त चारुमिता को निलंबित कर दिया है। मुख्य सचिव ने पंजाब सिविल सेवा (दंड एवं अपील) नियम, 1970 का हवाला दिया। बताया...
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मोगा जिले की उपायुक्त चारुमिता के निलंबन का मामला सामने आया है। सरकार ने एडीसी और नगर आयुक्त चारुमिता को निलंबित कर दिया है। मुख्य सचिव ने पंजाब सिविल सेवा (दंड एवं अपील) नियम, 1970 का हवाला दिया। बताया जा रहा है कि यह कार्रवाई भूमि गबन के आरोप में की गई है। सूत्रों के अनुसार, धर्मकोट से बहादुरवाला तक राष्ट्रीय राजमार्ग 703 के लिए भूमि अधिग्रहण किया गया था। वित्तीय लेनदेन में अनियमितताएं पाई गईं। इसके बाद विजिलेंस ब्यूरो ने पीसीएस अधिकारी चारुमिता के खिलाफ आरोप पत्र तैयार किया। पंजाब के राज्यपाल के निर्देश पर कार्मिक विभाग द्वारा जारी एक आधिकारिक आदेश में कहा गया है कि 2014 बैच की पीसीएस अधिकारी को पंजाब सिविल सेवा (दंड एवं अपील) नियम, 1970 के नियम 4(1)(ए) के तहत निलंबित किया गया है। निलंबन के दौरान चारुमिता का मुख्यालय चंडीगढ़ रहेगा और उन्हें सेवा नियमों के अनुसार निर्वाह भत्ता मिलेगा। लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) ने इस साल सितंबर में चारुमिता के खिलाफ औपचारिक रूप से आरोपपत्र दाखिल किया था और राष्ट्रीय राजमार्ग-703 के धर्मकोट-शाहकोट खंड पर अधिग्रहित भूमि के लिए 3.7 करोड़ रुपये के मुआवजे से संबंधित कथित धोखाधड़ी और अनियमितताओं की सतर्कता ब्यूरो (वीबी) से जांच की मांग की थी। यह अनियमितताएं तब सामने आईं जब संबंधित पक्ष ने बढ़े हुए मुआवज़े के लिए पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय का रुख किया। अदालत के नोटिस का जवाब देते हुए अधिकारियों ने पाया कि महत्वपूर्ण अधिग्रहण दस्तावेज़ गायब थे, जिसके बाद अदालत ने फिरोजपुर के उपायुक्त के नेतृत्व में एक जांच का आदेश दिया। जांच में मोगा के राजस्व अधिकारियों द्वारा सीमांकन, मूल्यांकन और रिकॉर्ड रखने में 'गंभीर प्रक्रियात्मक खामियां' पाई गईं।

 

 

 

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