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लोगों के लिए मुसीबत बने पटियाला जेल में लग रहे मोबाइल जैमर

ओटीपी प्राप्त न होने से डिजिटल लेनदेन हो रहा प्रभावित
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गुरतेज सिंह प्यासा/निस

संगरूर, 16 अप्रैल

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केंद्रीय जेल पटियाला के आसपास के लोगों के लिए जेल में लग रहे मोबाइल जैमर मुसीबत बनते जा रहे हैं। आज कल पटियाला सेंट्रल जेल के अंदर मोबाइल फोन के इस्तेमाल की जांच के लिए वी-कवच जैमर लगाए जा रहे हैं।

इन की टेस्टिंग चल रही है। इन जैमरों से आसपास के इलाकों के निवासियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि उन्हें इंटरनेट तक पहुंचने में कठिनाई हो रही है, साथ ही उन्हें बार-बार कॉल ड्रॉप की समस्या भी हो रही है। इस प्रकार ओटीपी प्राप्त न होने से अक्सर डिजिटल लेनदेन काफी प्रभावित हो रहा है। ओटीपी प्राप्त न होने से अक्सर डिजिटल लेनदेन प्रभावित होता है। पटियाला पंजाब की दूसरी जेल है जहां वी-कवच जैमर लगाया गया है। इससे पहले बठिंडा जेल‌ में लगाया गया है।

क्षेत्र के निवासियों ने बताया कि पिछले एक सप्ताह से लगातार व्यवधान के कारण वाई-फाई का उपयोग करना कठिन कार्य हो गया है। उन्होंने दावा किया- जेल के पास मुख्य सड़क पर रहने वालों के लिए कॉल ड्रॉप एक आम बात है। इससे पुलिस लाइन्स, फुलकियां एन्क्लेव और भादसों रोड के आसपास के इलाकों में वाई-फाई सिग्नल अक्सर बाधित रहता है। लोगों का कहना है कि काम के व्यस्त घंटों के दौरान एक-दूसरे से संपर्क करना भी मुश्किल हो जाता है। इंटरनेट की गड़बड़ियों के कारण अक्सर क्षेत्र में आधिकारिक कामकाज बाधित होता है। सेवा प्रदाता इन चीजों के लिए जैमर लगाने को जिम्मेदार ठहराते हैं। एक वरिष्ठ का अधिकारी मानना है कि जेल विभाग ने जैमर की सिग्नल क्षमता बढ़ा दी होगी, जिससे आस-पास के इलाकों में रहने वाले लोगों को परेशानी हो रही होगी।‌ सेंट्रल जेल पटियाला के अधिकारी वरुण शर्मा ने कहा कि बीएसएनएल अधिकारियों ने पिछले सप्ताह यह मामला उनके संज्ञान में लाया था।

उन्होंने कहा-जैमरों का परीक्षण चरण जारी है और कंपनी को इस मुद्दे से अवगत करा दिया गया है। वे जल्द ही इस संबंध में सर्वेक्षण कराएंगे। उन्होंने कहा कि इन जैमर्स की रेंज आमतौर पर केवल 100 मीटर तक ही सीमित होती है। उन्होंने कहा कि जैमर जनवरी में लगाए गए थे और इन्हें परीक्षण के तौर पर चलाया जा रहा है।

बठिंडा जेल में सबसे पहले लगे वी-कवच जैमर

बीएसएनएल अधिकारियों ने भी हाल ही में जेल अधिकारियों से संपर्क कर जैमर लगाए जाने पर चिंता जताई थी और कहा था कि इससे क्षेत्र में कनेक्टिविटी प्रभावित होगी। पटियाला सेंट्रल जेल से एक किलोमीटर से अधिक दूरी पर रहने वाले लोगों ने भी कनेक्टिविटी संबंधी समस्याओं की शिकायत की है। उल्लेखनीय है कि पिछले वर्ष राज्य सरकार को केंद्रीय गृह मंत्रालय से राज्य भर की विभिन्न जेलों में वी-कवच जैमर लगाने के लिए हरी झंडी मिल गई थी। बठिंडा जेल में सबसे पहले ये जैमर लगाए गए थे।

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