कार सवार नकाबपोशों ने किया 12 वर्षीय बच्चे का अपहरण
अहमदगढ़ में दिनदहाड़े कार सवार नकाबपोश बदमाशों द्वारा 12 वर्षीय बच्चे का अपहरण किए जाने की सनसनीखेज खबर से शहर में दहशत फैल गई, लेकिन कुछ घंटों बाद बच्चे के सकुशल परिवार के पास पहुंचने पर परिवार ने राहत की सांस ली। जानकारी के अनुसार दोपहर करीब डेढ़ बजे हिंद अस्पताल के पीछे सुनार का काम करने वाले परिवार का 12 वर्षीय बच्चा अपनी बुआ के साथ स्कूटर पर सवार होकर वहां बुक बैंक से किताब लेने गया था कि अचानक पीछे से आ रही एक सफेद रंग की कार से उतरे नकाबपोश युवक ने बुआ को धक्का देकर दूर फेंक दिया और बच्चे को वहां से उठाकर कार में लेकर भागने में कामयाब हो गया। इसके साथ ही अपहरणकर्ता ने फिरौती की रकम और धमकियां भी बच्चे की बुआ को दी। यह कार करीब 1 घंटे तक शहर में घूमती रही और पोहीड़ की तरफ भी गई लेकिन स्थानीय पुलिस और उच्च अधिकारी इस घटना से अनजान थे। जैसे ही पुलिस के सीआईडी इंस्पेक्टर कृपाल सिंह को इसकी जानकारी मिली, उन्होंने तुरंत उच्च अधिकारियों को सूचित किया और शहर के आसपास के इलाके की नाकाबंदी करवा दी, जिससे पकड़े जाने के डर से अपहरणकर्ता बच्चे को पोहीड़ रोड पर ही छोड़ गए। बच्चे ने किसी राहगीर के फोन से अपने घर फोन करके अपने बारे में बताया तो परिजन उसको घर ले आए। इसी बीच एसपी राजन शर्मा भी बच्चे के घर पहुँच गए। बच्चे ने बताया कि अपहरणकर्ताओं ने उसे थप्पड़ मारे और चाकू दिखाकर धमकाया था और आंखों पर पट्टी भी बांध दी थी। बच्चा मिलने के बाद परिवार ने राहत की सांस ली। अपहरणकर्ताओं द्वारा परिवार के संबंध में लिखा गया फिरौती का नोट या टाइप किया हुआ नोट इस बात को लेकर हैरान करने वाला है कि उन्होंने परिवार के आंतरिक मामलों और कई अन्य पारिवारिक मामलों के बारे में केवल 4 किलो सोना आदि की ही क्यों मांग की, यह एक रहस्य बना हुआ है। उन्हें इतनी सारी आंतरिक जानकारी कैसे पता चली? अगर पुलिस अधिकारी इस घटना की गहनता से जाँच करें, तो चौंकाने वाले खुलासे हो सकते हैं।