मनन सैनी/निस
बटाला (गुरदासपुर) : गुरदासपुर के छठा शिरा गांव में नायक मंदीप सिंह का पार्थिव शरीर जब तिरंगे में लिपटा आया तो परिवार के सदस्य देखकर फफक पड़े। मंदीप के परिवार वालों के मुताबिक उनके जल्द ही घर आने की उम्मीद थी। उनके परिवार में पत्नी और दो बेटे हैं। उनका बड़ा बेटा 3 साल का है, वहीं छोटा सिर्फ एक महीने का है। राज्य सरकार ने सोमवार को तीनों जवानों के परिवारों को 50-50 लाख रुपये की अनुग्रह राशि और परिवार के एक-एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की घोषणा की है। पुंछ सेक्टर के सुरनकोट में आतंकियों से लड़ते हुए शहादत पाने वाले 16 राष्ट्रीय राइफल्स (11 सिख) के नायक मनदीप सिंह का उनके पैतृक गांव चट्ठा में सैन्य सम्मान से अंतिम संस्कार किया गया। शहीद नायक मनदीप सिंह की मां मनजीत कौर व भाई हवलदार जगरुप सिंह ने जब वर्दी में उसकी अर्थी को कंधा दिया तो शव यात्रा में मौजूद हजारों आंखें नम हो उठी। चिता को उसके चार वर्षीय बेटे मनताज व बड़े भाई जगरुप ने अग्नि दिखाई। शहीद नायक मनदीप सिंह की पत्नी मनदीप कौर ने कहा कि मेरे पति आज भी मेरे लिए जिंदा है। मेरे दोनों बेटे मेरी ताकत बनेंगे तथा उन्हें भी मैं फौज में भेजकर अपने शहीद की पति के सपनों को साकार करूंगी। उन्होंने कहा कि मुझे अपने पति की शहादत पर मान है।