ट्रिब्यून न्यूज सर्विस
चंडीगढ़, 15 मार्च
पंजाब विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के बाद पहली बार चंडीगढ़ पहुंचे कांग्रेस प्रत्याशियों ने हार के लिए जहां पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की आपसी खींचतान व बयानबाजी को जिम्मेदार ठहराया वहीं पार्टी के प्रदेश प्रभारी हरीश चौधरी ने हार की जिम्मेदारी ली है। पंजाब में कांग्रेस को 99 सीटों पर हार का सामना करना पड़ा है।
हार के बाद मंगलवार से कांग्रेस ने चंडीगढ़ में दो दिवसीय मंथन शुरू किया है। पहले दिन मालवा के प्रत्याशी चंडीगढ़ पहुंचे। बैठक में पार्टी प्रभारी हरीश चौधरी, कांग्रेस के प्रदेश प्रधान नवजोत सिद्धू तथा चरणजीत सिंह चन्नी समेत कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे। संयुक्त बैठक के बाद चरणजीत चन्नी वहां से चले गए जबकि हरीश चौधरी ने सभी प्रत्याशियों से एक-एक कर मुलाकात की।
बैठक के बाद सभी नेताओं ने खुलकर मीडिया में एक-दूसरे के खिलाफ बोला और कइयों ने हार से सबक लेकर आगे चलने की नसीहत दी। चन्नी सरकार में मंत्री रहे परगट सिंह ने कहा कि यह समय एक दूसरे पर कीचड़ उछालने का नहीं बल्कि हार से सबक लेकर आगे चलने का है। बस्सी पठाना से कांग्रेस के उम्मीदवार रहे गुरप्रीत सिंह जीपी ने कहा कि चन्नी को मुख्यमंत्री बनाकर कांग्रेस ने सबसे बड़ी गलती की। राहुल गांधी को गुमराह किया गया। उन्होंने चन्नी को पार्टी से बर्खास्त करने की मांग की। उन्होंने आरोप लगाया कि चन्नी ने उन्हें हराने के लिए बस्सी पठाना में पांच करोड़ रुपये खर्च किए।
बैठक के दौरान हरीश चौधरी ने कहा कि कांग्रेस की हार के लिए वह प्रभारी होने के नाते जिम्मेदारी लेते हैं। उन्होंने कहा कि सभी प्रत्याशियों तथा विधायकों से फीडबैक लेकर रिपोर्ट पार्टी हाईकमान को भेजी जाएगी।