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लुधियाना के उद्योगपति से साइबर अपराधियों ने ठगे एक करोड़ रुपये

लुधियाना, 22 सितंबर (निस) लुधियाना के एक जाने-माने उद्योगपति एवं प्रमुख औद्योगिक नेता, रजनीश आहूजा, 78, को साइबर अपराधियों ने जबरन वसूली के एक कथित मामले में उनकी संलिप्तता का दावा करके उनसे 1.01 करोड़ रुपये की ठगी की। पीड़ित...
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लुधियाना, 22 सितंबर (निस)

लुधियाना के एक जाने-माने उद्योगपति एवं प्रमुख औद्योगिक नेता, रजनीश आहूजा, 78, को साइबर अपराधियों ने जबरन वसूली के एक कथित मामले में उनकी संलिप्तता का दावा करके उनसे 1.01 करोड़ रुपये की ठगी की। पीड़ित की शिकायत पर स्थानीय साइबर पुलिस थाना में अज्ञात संदिग्धों के खिलाफ मामला दर्ज करके आगे की जांच शुरू कर दी गई है।

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जानकारी के अनुसार, सराभा नगर निवासी और फोकल प्वाइंट में एक ऑटो पार्ट्स निर्माण इकाई के मालिक रजनीश आहूजा को एक व्हाट्सएप कॉल आया। कॉल करने वाले ने खुद को दिल्ली हवाई अड्डे का अधिकारी बताया। इस अधिकारी ने आहूजा को बताया कि उनके द्वारा भेजा गया एक कोरियर जिसमें 16 पासपोर्ट और 58 एटीएम कार्ड थे, दिल्ली अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर जब्त कर लिया गया और दिल्ली हवाई अड्डे पर एक व्यक्ति, संजय सिंह को कोरियर के साथ काबू किया गया है। कॉल करने वाले ने दावा किया कि संजय सिंह ने पूछताछ के दौरान स्वीकार किया है कि किसी से जबरन वसूली की गई राशि के रूप में प्राप्त 38 करोड़ रुपये आहूजा के बैंक खाते में जमा किए गए थे। जब आहूजा ने ऐसे किसी भी तरह का पार्सल भेजने से इनकार किया, तो कॉल करने वाले ने कहा कि पार्सल भेजने के लिए शायद उनकी आईडी का दुरुपयोग किया गया हो इसलिए मामला दिल्ली पुलिस को सौंपा जा रहा है।

आहूजा को डराने और ब्लैकमेल करने के लिए फर्जी गिरफ्तारी वारंट भी भेजा गया था। कानूनी कार्रवाई के डर से आहूजा ने संदिग्धों द्वारा बताए गए बैंक खातों में क्रमश: 86 लाख और 15 लाख रुपये भेजे। शाम को आहूजा को एक नए नंबर से फिर से कॉल आया और कॉल करने वाले ने खुद को सीबीआई अधिकारी अनिल कुमार बताया। उसने कहा कि आहूजा को निर्दोष पाया गया है और 19 सितंबर तक पैसे वापस ट्रांसफर कर दिए जाएंगे और उसका नाम एफआईआर से हटा दिया गया है।

हालांकि, आहूजा को उसके पैसे वापस नहीं मिले। शिकायत मिलने के बाद साइबर पुलिस ने उन बैंक खातों को सीज कर दिया, जिनमें पीड़ित ने पैसे भेजे थे।

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