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राज्यपाल का विधेयक रोकने पर तार्किक बचाव

सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई से एक दिन पहले सीएम मान को भेजा पत्र
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चरणजीत भुल्लर

चंडीगढ़, 29 अक्तूबर

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सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई से पहले पंजाब के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित ने 3 धन विधेयकों को रोके जाने के मामले में अपना तार्किक बचाव किया है। राज्यपाल ने कुछ दिन पहले पंजाब विधानसभा के दो दिवसीय सत्र को गैरकानूनी करार दिया था, जिसके खिलाफ राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंची और मामले पर सोमवार को सुनवाई होने की संभावना है। इससे पहले रविवार को राज्यपाल पुरोहित ने मुख्यमंत्री भगवंत मान को भेजे पत्र में कहा है कि पंजाब विधानसभा द्वारा पारित 5 विधेयकों के साथ अग्रिम मंजूरी में लिए आये 3 मनी बिल उनके विचाराधीन हैं और वह आगामी दिनों में इन पर विचार करने के बाद फैसला लेंगे। वह हर विधेयक के बारे में अलग-से मुख्यमंत्री को अपने फैसले की जानकारी देंगे। उन्होंने कहा कि वह राज्य के लोगों के व्यापक हित में सभी विधेयकों की योग्यता के साथ-साथ भारतीय संविधान के प्रावधानों के आधार पर उनकी पड़ताल करेंगे। राज्यपाल ने यह भी कहा कि भगवंत मान के कार्यभार संभालने के बाद विधानसभा द्वारा पारित 27 में से 22 विधेयकों को वह पहले ही मंजूरी दे चुके हैं।

पंजाब के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित ट्रिब्यून फाइल फोटो

गौर हो कि मुख्यमंत्री भगवंत मान ने सदन में 20 अक्तूबर को ऐलान किया था कि वह राज्यपाल के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे और अदालत के निर्णय के बाद ही अगला सत्र बुलाएंगे। पंजाब सरकार द्वारा राजभवन को 3 मनी बिल अग्रिम मंजूरी के लिए भेजे गये थे, जिन पर राज्यपाल ने आपत्ति लगा दी थी। पिछले एक सप्ताह से पंजाब सरकार सुप्रीम कोर्ट में राज्यपाल के फैसले को चुनौती देने की तैयारी में जुटी थी।

सूत्रों के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान पंजाब सरकार यह पक्ष रख सकती है कि राज्यपाल 3 मनी बिलों को मंजूरी देने के लिए निश्चित समय बतायें। पंजाब सरकार ने राज्यपाल के उस पत्र को आधार बनाया है, जिसके तहत राजभवन ने 20 और 21 अक्तूबर के विशेष सत्र को मंजूरी देने से इनकार कर दिया था।

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