चंडीगढ़/नयी दिल्ली, 18 मई (एजेंसी)
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने कहा है कि लिव-इन संबंध नैतिक और सामाजिक रूप से अस्वीकार्य हैं। हालांकि उच्च न्यायालय का यह रुख ऐसे रिश्तों को मान्यता देने वाले उच्चतम न्यायालय के रुख से अलग है। उच्च न्यायालय ने घर से भागे एक प्रेमी जोड़े की सुरक्षा की याचिका खारिज करते हुए यह टिप्पणी की। याचिकाकर्ता गुलजा कुमारी (19) और गुरविंदर सिंह (22) ने याचिका में कहा कि वे एक साथ रह रहे हैं और जल्द ही शादी करना चाहते हैं। उन्होंने कुमारी के माता-पिता से अपनी जान को खतरा होने की आशंका जताई थी। न्यायमूर्ति एचएस मदान ने अपने आदेश में कहा, ‘वास्तव में, याचिकाकर्ता वर्तमान याचिका दायर करने की आड़ में अपने लिव-इन संबंध पर अनुमोदन की मुहर की मांग कर रहे हैं, जो नैतिक और सामाजिक रूप से स्वीकार्य नहीं है और याचिका में कोई सुरक्षा आदेश पारित नहीं किया जा सकता है। तदनुसार याचिका खारिज की जाती है।’