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पाकिस्तान के सीमावर्ती गांवों में जनजीवन हुआ सामान्य

ढाल बनकर देश की रक्षा करने वाले वीर जवानों का लोगों ने किया धन्यवाद
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जीरो लाइन के नजदीक स्थित गांव पक्का चिश्ती के लोग बातचीत करते हुए।
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दविंद्र पाल/निस

अबोहर, 15 मई

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भारत-पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम के बाद अब सीमावर्ती गांवों में जनजीवन पूरी तरह से सामान्य होने लगा है। लोग युद्ध के भय को भूलते हुए सामान्य रूप से अपने कामकाज में लग गए हैं। लेकिन इस दौरान जहां फाजिल्का के सीमावर्ती गांवों के लोगों की बहादुरी और देशभक्ति देखने को मिली है, वहीं लोग हमारी बहादुर सेना का भी धन्यवाद कर रहे हैं, जिन्होंने दुश्मन की तरफ से किए गए हर हमले को नाकाम कर दिया। इस बारे में आज सीमावर्ती गांवों के लोगों से बात करने पर उन्होंने बताया कि युद्ध के समय जिला प्रशासन लगातार लोगों के संपर्क में था और उन्हें पल-पल की जानकारी उपलब्ध करा रहा था। लोगों ने बताया कि इस बार सेना ने उन्हें अपने घर खाली करने के लिए भी नहीं कहा क्योंकि हमारी सेना की क्षमताएं किसी से छिपी नहीं हैं। बातचीत के दौरान सीमावर्ती गांव जोधा भैणी निवासी बब्बू सिंह ने बताया कि उनका गांव जीरो लाइन के बिल्कुल नजदीक है लेकिन हमें अपनी सेना पर पूरा भरोसा है। इसलिए हम गांव में ही डटे रहे। क्योंकि जब भारतीय सेना सीमा पर है तो हमें डरने की कोई बात नहीं है। हमें समय-समय पर जिला प्रशासन से सभी प्रकार के आवश्यक दिशा-निर्देश भी प्राप्त हुए। उन्होंने बताया कि इस तनावपूर्ण स्थिति के दौरान दुश्मन द्वारा फाजिल्का की ओर ड्रोन से हमला भी किया गया था, लेकिन हमारी सेना ने इसे हवा में ही विफल कर बड़ा नुक्सान होने से बचा लिया। उन्होंने बताया कि फाजिल्का के लोग हमेशा अपनी सेना के साथ मिलकर काम करते हैं और 1971 के युद्ध में हमारे जांबाज सैनिकों ने बलिदान देकर फाजिल्का को बचाया था।

पाकिस्तानी सीमा से महज एक किलोमीटर दूर स्थित गांव खानवाला के संजय कुमार कहते हैं कि जब भी यहां सेना आती है, लोगों का आत्मविश्वास बढ़ता है। उन्होंने कहा कि पूरे देश की तरह सीमावर्ती गांवों के लोगों को भी अपनी सेना पर गर्व है । ऐसा ही उत्साह पक्का चिश्ती गांव के लोगों में देखने को मिला। चौपाल पर बैठे लोग कहते हैं कि भारतीय सेना के बल पर ही हम पूरी तरह से सुरक्षित हैं।

लोगों ने किया प्रशासन व सेना का सहयोग: उपायुक्त

जिला उपायुक्त अमरप्रीत कौर संधू का कहना है कि फाजिल्का के लोगों ने प्रशासन व सेना का भरपूर सहयोग किया। उन्होंने कहा कि जिस देश के लोग सेना व प्रशासन के साथ इतने सामंजस्य से काम करते हैं, उस देश की सीमाओं की ओर कोई भी दुश्मन देश नजर नहीं उठा सकता।

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