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तत्कालीन एसएसपी, डीएसपी समेत 5 अन्य को उम्रकैद

तरनतारन फर्जी पुलिस मुठभेड़ मामला
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तरनतारन में हुए फर्जी पुलिस मुठभेड़ मामले में मोहाली की सीबीआई अदालत ने बड़ा फैसला सुनाया है। सीबीआई अदालत ने 1993 में हुए फर्जी पुलिस मुठभेड़ मामले में 5 पुलिस अधिकारियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। अदालत ने सेवानिवृत्त एसएसपी भूपिंदरजीत सिंह और सेवानिवृत्त डीएसपी दविंदर सिंह समेत 5 को उम्रकैद की सजा सुनाई है। यह मामला 1993 का है, जब दो अलग-अलग पुलिस मुठभेड़ों में 7 युवकों को मारा गया दिखाया गया था। इनमें से 4 विशेष पुलिस अधिकारी (एसपीओ) के पद पर तैनात थे। 27 जून, 1993 को इन युवकों को उनके घरों से उठाकर अवैध हिरासत में रखा गया और अमानवीय यातनाएं दी गईं। गौरतलब है कि 28 जुलाई, 1993 को डीएसपी भूपिंदरजीत सिंह के नेतृत्व में दो अलग-अलग थानों (वैरोवाल और सेहराली) में फर्जी मुठभेड़ों की एफआईआर दर्ज की गई थी, जिसमें 7 लोगों को फर्जी मुठभेड़ों में मारा गया दिखाया गया था। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद 1996 में यह मामला सीबीआई को सौंप दिया गया। सीबीआई की जाँच में पता चला कि ये मुठभेड़ें फर्जी थीं।

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