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निर्माण कार्य में बाधा डालने वालों पर होगी कानूनी कार्रवाई : हाई कोर्ट

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने सतलुज जल विद्युत निगम के लुहरी विद्युत परियोजना फेज एक के निर्माण में बाधा डालने वालों पर कानूनी कार्रवाई अमल में लाने के आदेश जारी किए हैं। कोर्ट ने एसडीएम रामपुर को यह सुनिश्चित करने के...
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट। -फाइल फोटो
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हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने सतलुज जल विद्युत निगम के लुहरी विद्युत परियोजना फेज एक के निर्माण में बाधा डालने वालों पर कानूनी कार्रवाई अमल में लाने के आदेश जारी किए हैं। कोर्ट ने एसडीएम रामपुर को यह सुनिश्चित करने के आदेश दिए हैं कि मौके पर चल रहा निर्माण कार्य न रुके। कोर्ट ने कहा कि यह एक इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट है और प्रभावितों के लिए मुआवज़े या उन्हें हुए किसी भी नुकसान का आकलन बाद में किया जा सकता है।

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि ऐसे महत्वाकांक्षी इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट रुकने नहीं चाहिए क्योंकि ये टाइम बाउंड होते है। कोर्ट को बताया गया था कि स्थानीय लोग कॉन्ट्रैक्टर को साइट पर काम नहीं करने दे रहे हैं और निर्माण कार्य में तरह तरह की रुकावटें आ रही हैं। काम आई आई टी रुड़की की रिपोर्ट के अनुसार किया जा रहा है और सभी ज़रूरी सावधानियां बरती जा रही हैं।

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उल्लेखनीय है कि रामपुर के नरोला गांव में लुहरी विद्युत परियोजना फेज-एक का निर्माण किया जा रहा है। आरोप है कि इसका निर्माण अवैज्ञानिक तरीके से बलास्टिंग कर किया जा रहा है। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण किन्नौर ने कोर्ट को स्टेट्स रिपोर्ट के माध्यम से बताया था कि ठेकेदार के अवैज्ञानिक तरीके से ब्लास्टिंग करने के कारण घरों में दरारें पड़ी है।

जनहित याचिका में आरोप लगाया गया है कि गांव के ऊपर ढांक में दरारें आने से गांव में जान व माल दोनों को खतरा बना हुआ है। ठेकेदार द्वारा सतलुज नदी में मलबा फैंका जा रहा है। इससे पानी के साथ साथ पर्यावरण को भी नुकसान हो रहा है। कोर्ट ने इन आरोपों की असलियत जानने के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण किन्नौर के सचिव से रिपोर्ट तलब थी।

 

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