चंडीगढ़, 3 मई (ट्रिन्यू)
पंजाब सरकार द्वारा हाल ही में दिल्ली सरकार के साथ किए गए नॉलेज शेयरिंग एमओयू को खारिज करते हुए पंजाब कांग्रेस राज्यपाल के दरबार में पहुंच गई है। कांग्रेस ने इस समझौते को संविधान के उलट करार दिया और राज्यपाल से मामले में हस्तक्षेप् करने की मांग की। पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वडिंग और कांग्रेस विधायक दल के नेता प्रताप सिंह बाजवा के नेतृत्व में कांग्रेस नेताओं का एक शिष्टमंडल मंगलवार की शाम राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित से मिला। शिष्टमंडल ने राज्यपाल को दिए ज्ञापन में कहा कि दो मुख्य मंत्रियों के बीच इस तरह का समझौता हो ही नहीं सकती है, क्योंकि संविधान में सभी के कार्यक्षेत्र का उल्लेख किया गया है। यह समझौता तब तक वैध नहीं हो सकता जब तक उसमें पंजाब के राज्यपाल और दिल्ली के उप राज्यपाल की स्वीकृति न हो। राजा वडिंग ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 154 में राज्य की कार्यपालिका शक्ति का उल्लेख किया गया है, जिसमें स्पष्ट है कि राज्य की कार्यकारी शक्ति राज्यपाल में निहित होगी।