ट्रिब्यून न्यूज सर्विस
चंडीगढ़, 14 मई
पंजाब में खानदानी कांग्रेसी के रूप में प्रसिद्ध सुनील जाखड़ ने शनिवार को पार्टी से पांच दशक पुराना नाता तोड़ दिया। पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष रहे जाखड़ ने फेसबुक पर लाइव होकर पार्टी हाईकमान व सोनिया गांधी के नेतृत्व पर सवाल उठाते हुए कांग्रेस को ‘गुड लक और गुडबाय’ कहा। उन्होंने पार्टी में जातिगत समीकरण को ध्यान में रखकर की जा रही राजनीति को लेकर निशाना साधा। उन्होंने आलाकमान पर आरोप लगाया कि कैप्टन अमरेंद्र सिंह को हटाए जाने के बाद सीएम की नियुक्ति के मुद्दे पर अंबिका सोनी की सुनी गई। जाखड़ ने अंबिका सोनी का नाम लेते हुए सोनिया गांधी से उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की। उन्होंने पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रभारी हरीश रावत पर भी हमला किया और पार्टी में विवाद के दौरान उनकी भूमिका पर सवाल उठाए।
कांग्रेस ने हाल ही में जाखड़ के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए उन्हें पार्टी के सभी पदों से हटा दिया था। पंजाब कांग्रेस ने उन्हें 2 साल के लिए सस्पेंड करने की सिफारिश की थी, जिस पर सोनिया गांधी को फैसला लेना था। जाखड़ ने कहा, ‘मुझे नोटिस देना बहुत ही चोट पहुंचाने वाला था। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अनुशासन कमेटी की रिपोर्ट पर मुझे पार्टी के सभी पदों से हटाने का पत्र जारी किया। सोनिया बताएं कि मैं किस पद पर था जो मुझे हटाया गया।’
पंजाब विधानसभा चुनाव के दौरान सक्रिय राजनीति को अलविदा करने वाले सुनील जाखड़ कई दिनों से घर में ही थे। एक बार ऐसा अवसर वह भी आया था, जब जाखड़ को मुख्यमंत्री बनाने की तैयारी हो गई। चुनाव के दौरान चरणजीत सिंह चन्नी को लेकर बयानबाजी करने के आरोप में उन्हें नोटिस भेजा गया। उन्होंने इस नोटिस का जवाब नहीं दिया। जाखड़ का कहना था कि नोटिस भेजने से पहले कांग्रेस हाईकमान को उनसे बात करनी चाहिए थी।
चिंतन नहीं, चिंता शिविर की जरूरत
जाखड़ ने कहा कि उनके परिवार की तीन पीढ़ियों ने 50 साल तक कांग्रेस की सेवा की। कांग्रेस की बुरी हालत है और यह खटिया पर है। देश के अधिकतर राज्यों में पार्टी की हालत गंभीर है। कांग्रेस को बचाने की जरूरत है। चिंतन शिविर की जगह चिंता शिविर का आयोजन होना चाहिए था। इसके लिए कमेटी बनाकर चर्चा की जानी चाहिए थी।