सऊदी जेल से साढ़े तीन साल बाद भारतीय युवक की रिहाई
अक्षय ने बताया कि उसे कभी यह नहीं बताया गया कि उसने क्या चुराया है। उसने खुलासा किया कि सऊदी अरब की जेलों में कई भारतीय युवक इसी तरह के झूठे मामलों में फंसे हुए हैं और सालों से रिहाई की उम्मीद खो चुके हैं। अक्षय ने कहा, ‘मेरी सजा तो खत्म हो गई थी, लेकिन मुझे दो साल और जेल में रखा गया। मुझे लगा कि अब कभी बाहर नहीं निकल पाऊंगा।’
उसकी पत्नी ने बताया कि अक्षय कई वर्षों से ड्राइवर के रूप में काम कर रहा था। 2022 में वह दो महीने की छुट्टी पर भारत आया था, पर वापसी के बाद उसका संपर्क टूट गया। अगस्त 2023 में जब उन्होंने संत सीचेवाल के दफ्तर से संपर्क किया, तब पता चला कि अक्षय पर चोरी का आरोप लगाकर उसे 10 महीने की जेल हुई थी। सजा पूरी होने के बावजूद कंपनी ने उसकी रिहाई के लिए 31,000 रियाल (करीब सात लाख रुपये) की मांग की थी, जो परिवार के लिए असंभव थी।
आर्थिक संकट से जूझ रहा था परिवार
आर्थिक संकट से जूझ रहे परिवार के पास अब कोई रास्ता नहीं बचा था। बच्चों की पढ़ाई तक प्रभावित हो गई थी। ऐसे में संत सीचेवाल ने पहल की और लगातार भारतीय दूतावास तथा सऊदी अधिकारियों से संपर्क बनाए रखा। लंबे प्रयासों के बाद अक्षय को बिना एक भी रुपया चुकाए रिहा करवाया गया और वह सुरक्षित भारत लौट आया। संत सीचेवाल ने कहा कि अरब देशों में भारतीय मजदूरों का शोषण एक गंभीर मानवीय समस्या है। कई निर्दोष युवकों को चोरी या छोटे विवादों में फंसाकर जेल में डाल दिया जाता है ताकि नियोक्ताओं को जल्दी राहत मिल सके। उन्होंने केंद्र सरकार से अपील की कि विदेशों में काम करने वाले भारतीयों की सुरक्षा और न्याय सुनिश्चित करने के लिए ठोस नीति बनाई जाए।
