पंजाब में बसों की बेमियादी हड़ताल जारी, 3000 बसें बंद, यात्रियों को भारी परेशानियां
पंजाब में रोडवेज और पनबस कर्मचारियों, बसों की बेमियादी हड़ताल शनिवार को तीसरे दिन भी जारी रही। हड़ताल के चलते राज्य की लगभग 3000 से अधिक बसें बंद पड़ी हैं, जिससे आम जनता को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। पीआरटीसी कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स यूनियन और पंजाब रोडवेज कर्मचारियों ने सरकार से किलोमीटर स्कीम रद्द करने, अस्थायी कर्मचारियों को स्थायी करने और ठेकेदारी सिस्टम खत्म करने की मांग करते हुए कामकाज ठप कर दिया है।
सरकार और यूनियन के बीच बैठकें बेनतीजा, बसों की बेमियादी हड़ताल जारी
हड़ताल को लेकर सरकार और यूनियन के बीच कई दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन अब तक कोई ठोस समाधान नहीं निकल पाया। यूनियन का कहना है कि 7 अगस्त से चल रहे इस आंदोलन में वे पहले भी दो घंटे की सांकेतिक हड़ताल कर चुके हैं। वहीं, 15 अगस्त को भी ट्रांसपोर्ट विभाग के साथ बैठक हुई, लेकिन वह भी बिना किसी नतीजे के समाप्त हो गई।
छुट्टियों में बढ़ी जनता की मुसीबतें
हड़ताल ऐसे समय में हो रही है जब लगातार त्योहार और छुट्टियाँ हैं। 15 अगस्त (स्वतंत्रता दिवस), जन्माष्टमी और रविवार – इन तीन छुट्टियों के चलते लोग बाहर जाने की योजना बना रहे थे। लेकिन बसों की अनुपलब्धता ने लोगों की यात्राएं मुश्किल कर दी हैं। केवल कुछ प्राइवेट और किलोमीटर स्कीम के तहत चलने वाली गिनी-चुनी बसें ही सड़कों पर नजर आ रही हैं, वो भी सीमित समय पर।
सरकार टालमटोल की नीति अपना रही है – यूनियन
यूनियन के जिला अध्यक्ष रेशम सिंह गिल ने आरोप लगाया कि सरकार पिछले साढ़े तीन साल से सिर्फ मीटिंग कर रही है, लेकिन मांगों को लागू करने में कोई गंभीरता नहीं दिखा रही। उन्होंने बताया कि 9 जुलाई को ट्रांसपोर्ट मंत्री के साथ बैठक में सभी मांगे स्वीकार की गई थीं और 16 जुलाई से लागू करने का आश्वासन दिया गया था, लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।
नतीजा न निकला तो बसों की बेमियादी हड़ताल रहेगी जारी
यूनियन ने स्पष्ट किया है कि जब तक उनकी मांगों पर ठोस कार्रवाई नहीं होती, हड़ताल अनिश्चितकालीन रूप से जारी रहेगी। इससे आने वाले दिनों में भी यात्रियों को परेशानी झेलनी पड़ सकती है।