विकास कौशल/निस
बठिंडा, 15 अप्रैल
पिछले कुछ दिन से बठिंडा से शिरोमणि अकाली दल की संभावित उम्मीदवार और पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने सोमवार को बठिंडा में एक अहम बयान देते हुए दावा किया है कि अगर वह चुनाव लड़ेंगी तो बठिंडा से ही लड़ेंगी अन्यथा वह कहीं से भी नहीं लड़ेंगी।
आज बठिंडा शहर में अलग-अलग जगहों पर चुनाव प्रचार के दौरान हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि यह पार्टी का फैसला है कि कब और किसे प्रत्याशी घोषित किया जाएगा। उन्होंने पार्टी को अपना फैसला सुना दिया है कि बठिंडा से लडूंगी, नहीं तो कहीं से नहीं लडूंगी। उन्होंने आरोप लगाया कि आज विपक्षी दल अंदरूनी तौर पर एकजुट हैं और अकाली दल को तोड़कर उनके नेताओं को अपना उम्मीदवार बनाया जा रहा है।
हरसिमरत कौर बादल ने कटाक्ष करते हुए कहा कि कांग्रेस ने अकाली दल से निष्कासित नेता को अपना उम्मीदवार बनाया है, जबकि भाजपा ने भी अकाली दल के नेताओं के बच्चों का समर्थन किया है। लोकसभा चुनाव में पार्टी के वरिष्ठ नेता सिकंदर सिंह मलूका की भूमिका के बारे में पूछे जाने पर हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि मलूका पार्टी के पुराने नेता हैं और पार्टी के साथ खड़े हैं, लेकिन अब बच्चे बागी हो गए हैं, जिनके सहारे ये बच्चे इस मुकाम तक पहुंचे हैं।
भाजपा बताये दो करोड़ नौकरियों, किसानों की आमदन दोगुनी करने का क्या हुआ
हरसिमरत कौर बादल ने भाजपा द्वारा कल जारी किए गए चुनाव घोषणापत्र पर कहा कि भाजपा पहले बताये कि पिछले 10 वर्षों में हर साल दो करोड़ नौकरियां देने की जो घोषणा की गई थी, क्या ये नौकरियां लोगों को मिल गई है और क्या किसानों की आय दोगुनी करने की गारंटी पूरी हो गई है। उन्होंने कहा कि शिरोमणि अकाली दल इस बात पर कायम है कि चुनाव घोषणापत्र को कानूनी दस्तावेज बनाया जाना चाहिए। हरसिमरत कौर बादल ने आप को घेरते हुए कहा कि इन बदलाव वाले केजरीवाल ने एक मौका मांगा था और महिलाओं को एक-एक हजार देने की गारंटी दी थी, लेकिन लोगों का यह बदलाव बदल गया है।