चंडीगढ़ (एजेंसी) : गैंगस्टर से सामाजिक कार्यकर्ता बने लखबीर सिंह उर्फ लक्खा सिधाना ने गणतंत्र दिवस के मौके पर दिल्ली में ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा से बुधवार को खुद को अलग करते हुए कहा कि उसने और कुछ अन्य किसान नेताओं ने राष्ट्रीय राजधानी में सिर्फ बाहरी रिंग रोड तक मार्च किया था। हिंसा के पीछे पुलिस ने सिधाना का हाथ होने का संदेह व्यक्त किया था। यह पूछे जाने पर कि उन्हें रिंग रोड पर जाने की इजाजत नहीं थी, सिधाना ने दावा किया कि लोगों की भावना उसके समर्थन में थी, किसान संघों ने पहले घोषणा की थी कि वे ट्रैक्टर रैली वहां लेकर जाएंगे।
दूरदृष्टा, जनचेतना के अग्रदूत, वैचारिक स्वतंत्रता के पुरोधा एवं समाजसेवी सरदार दयालसिंह मजीठिया ने 2 फरवरी, 1881 को लाहौर (अब पाकिस्तान) से ‘द ट्रिब्यून’ का प्रकाशन शुरू किया। विभाजन के बाद लाहौर से शिमला व अंबाला होते हुए यह समाचार पत्र अब चंडीगढ़ से प्रकाशित हो रहा है।
‘द ट्रिब्यून’ के सहयोगी प्रकाशनों के रूप में 15 अगस्त, 1978 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दैनिक ट्रिब्यून व पंजाबी ट्रिब्यून की शुरुआत हुई। द ट्रिब्यून प्रकाशन समूह का संचालन एक ट्रस्ट द्वारा किया जाता है।
हमें दूरदर्शी ट्रस्टियों डॉ. तुलसीदास (प्रेसीडेंट), न्यायमूर्ति डी. के. महाजन, लेफ्टिनेंट जनरल पी. एस. ज्ञानी, एच. आर. भाटिया, डॉ. एम. एस. रंधावा तथा तत्कालीन प्रधान संपादक प्रेम भाटिया का भावपूर्ण स्मरण करना जरूरी लगता है, जिनके प्रयासों से दैनिक ट्रिब्यून अस्तित्व में आया।