सौ ग्रामीण सुरक्षित निकाले, पौंग बांध का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर
पंजाब में आई बाढ़ के बीच सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवान लगातार राहत और बचाव कार्य में जुटे हुए हैं। ताजा घटनाक्रम में बीएसएफ ने सीमावर्ती जिला फिरोजपुर के दो गांवों से लगभग 100 ग्रामीणों को सुरक्षित बाहर निकाल कर सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया। बीएसएफ के अनुसार, सतलुज नदी का जलस्तर लगातार बढ़ने के कारण फिरोजपुर जिले के निहाला लवेरा और ढेरा गढ़ी गांवों में बाढ़ का पानी तेजी से भर गया। हालात गंभीर होते देख जवानों ने त्वरित कार्रवाई की और प्रभु आश्रम कुराली के सहयोग से ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया। इस दौरान प्रभावित गांवों में राहत सामग्री भी वितरित की गई।
मंडी में भूस्खलन से डरे लोग
मंडी (निस) :
पड्डल वार्ड में ऐतिहासिक गुरुद्वारे के पीछे पहाड़ी से भूस्खलन होने से यहां आधा दर्जन घर खतरे की जद में आ गए हैं। प्रशासन ने एहतियातन इन घरों को खाली करवा दिया है। मंगलवार रात भी यहां भूस्खलन होने से जोर के धमाके की आवाज आई जिसके कारण अफरा-तफरी मच गई और पूरा मोहल्ला ही घरों से बाहर निकल आया। घटना की सूचना मिलते ही नगर निगम के आयुक्त रोहित राठौर तुरंत मौके पर पहुंचे और लोगों को सुरक्षित स्थानों की तरह निकाला। प्रभावित योगेश राणा ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से पहाड़ी से पत्थर और मलबा गिरने का सिलसिला शुरू हुआ है। इस कारण आधा दर्जन घरों पर खतरा मंडरा गया है। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक रात करीब साढ़े 8 बजे जब यहां पर भूस्खलन हुआ तो उस वक्त जोर का धमाका हुआ। इस धमाके की आवाज से खतरे की जद वाले घरों के लोग सुरक्षित स्थानों की तरफ भागे, लेकिन उनकी देखा देखी में पूरे मुहल्ले के लोग घबरा गए और सभी अपने-अपने घरों से बाहर निकल आए। पूरी रात यहां डर का माहौल देखने को मिला।
ब्यास नदी में 79,891 क्यूसेक छोड़ा पानी
धर्मशाला (निस) :
व्यास नदी के जलग्रहण क्षेत्र में लगातार भारी बारिश के कारण पौंग बांध का जलस्तर चौथे दिन भी खतरे के निशान से ऊपर बना हुआ है। मंगलवार सुबह 9 बजे बांध का जलस्तर 1,390.84 फीट दर्ज किया गया, जो निर्धारित खतरे के निशान 1,390 फीट से अधिक है। बढ़ते जलस्तर के चलते भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) को लगातार पानी छोड़ना पड़ रहा है। मंगलवार को जलप्रवाह 1,32,618 क्यूसेक दर्ज किया गया, जबकि सोमवार को यह 79,790 क्यूसेक था। बांध अधिकारियों के अनुसार, दबाव नियंत्रित करने के लिए छह चालू मशीनों और स्पिलवे गेटों से मिलकर ब्यास नदी में 79,891 क्यूसेक पानी छोड़ा गया।
सोलन में बारिश से ढहा घर, महिला की मौत
सोलन/बीबीएन (निस) :
सोलन जिला में मानसून का कहर अब भी थमने का नाम नहीं ले रहा है। दो दिन से प्रदेश में भारी बारिश का दौर जारी है। इसी बीच बारिश के कारण सोलन से एक दर्दनाक हादसा पेश आया। बीती रात देर रात बस्तला (समलोह) गांव में हिम राम का मकान अचानक गिर गया। इस हादसे में उनकी पत्नी हेमलता मलबे की चपेट में आ गई और उनकी मौके पर ही मौत हो गई। हादसा इतना भीषण था कि पूरे घर का ढांचा धराशायी हो गया और परिवार पूरी तरह से बेसहारा हो गया है। मृतका हेमलता के पीछे दो छोटी बेटियां, एक बेटा और 85 वर्षीय अपंग सास हैं।