हिमाचल हाई कोर्ट का फैसला : टीचिंग एसोसिएट्स को नियमित करने के आदेश
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ़ होटल मैनेजमेंट धर्मशाला में टीचिंग एसोसिएट्स के तौर पर काम कर रहे याचिकाकर्ताओं को दो वर्ष का अनुबंध काल पूरा करने पर नियमित करने के आदेश दिए हैं। न्यायाधीश संदीप शर्मा ने विवेक...
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हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ़ होटल मैनेजमेंट धर्मशाला में टीचिंग एसोसिएट्स के तौर पर काम कर रहे याचिकाकर्ताओं को दो वर्ष का अनुबंध काल पूरा करने पर नियमित करने के आदेश दिए हैं। न्यायाधीश संदीप शर्मा ने विवेक वर्मा व अन्यों द्वारा दायर याचिका को स्वीकारते हुए यह आदेश जारी किए। कोर्ट ने कहा है कि वैसे भी याचिकाकर्ता डिग्री कोर्स में पढ़ाने के लिए लेक्चरर के तौर पर नियुक्त होने का दावा नहीं कर रहे हैं बल्कि उनकी सीधी सी प्रार्थना है कि उनकी सेवाएं भी टीचिंग एसोसिएट के तौर पर नियमित की जानी चाहिएए जैसा कि स्टेट इंस्टिट्यूट ऑफ़ होटल मैनेजमेंट हमीरपुर में टीचिंग एसोसिएट के मामलों में किया गया है। जिन टीचिंग एसोसिएट की सर्विस स्टेट इंस्टिट्यूट ऑफ़ होटल मैनेजमेंटए हमीरपुर में नियमित कर दी गई हैंए वे डिग्री कोर्स के स्टूडेंट्स को पढ़ाने के लिए लेक्चरर के तौर पर नियमित होने का दावा नहीं कर सकते।
कोर्ट ने कहा कि भले ही याचिकाकर्ता अनुबंध आधार पर टीचिंग एसोसिएट के तौर पर नियुक्त हुए होंए वे डिप्लोमा स्टूडेंट्स को पढ़ाना जारी रख सकते हैं। कोर्ट ने याचिका स्वीकारते हुए कहा कि अदालत पूरी तरह से इस बात से सहमत है कि यहां याचिकाकर्ताओं की स्थिति स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ़ होटल मैनेजमेंट हमीरपुर के टीचिंग एसोसिएट्स जैसी ही है, इसलिए प्रतिवादियों की तरफ से उन्हें नियमित करने की कोई कार्रवाई न करना पूरी तरह से मनमाना है और भारत के संविधान के आर्टिकल 14 और 16 का उल्लंघन है। इसे कानून के हिसाब से ठीक किया जाना चाहिए। याचिकाकर्ताओं ने हिमाचल प्रदेश सरकार की अनुबंध पर काम करने वाले कर्मचारियों के लिए बनाई गई नियमितीकरण नीति के हिसाब से उन्हें नियमित न किए जाने के खिलाफ याचिका दायर की थी।
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