गुरदासपुर : उखाड़ फेंके अड्डों से चिपके पुलिसकर्मी
गुरदासपुर के पुलिस प्रमुख ने एक ही दिन में 250 पुलिसकर्मियों का तबादला कर दिया है, जिनमें से कई पिछले कई साल से एक ही स्थान पर कार्यरत थे।
यह कदम अभूतपूर्व है, क्योंकि इससे पहले कभी इतने अधिकारियों का एक साथ तबादला नहीं हुआ था। अभी और तबादले किए जाने की भी संभावना है।
अधिकांश पुलिसकर्मियों को 12 थानों में भेजा गया है, ताकि वहां पहले से तैनात पुलिस बल को मजबूत किया जा सके। शेष को पुलिस लाइन में भेजा गया है। तीन एसएचओ- गुरमीत सिंह (गुरदासपुर शहर), ओंकार सिंह (बेहरामपुर) और मोहन लाल (पुरानाशाला) को भी तबादला किया गया है। जौरा छत्रां पुलिस चौकी के प्रभारी को भी हटा दिया गया है।
आधिकारिक तौर पर कहा जा रहा है कि एसएचओ 'अपराधों की रोकथाम और अपराध का पता लगाने में विफल रहे हैं।' हालांकि, अनौपचारिक तौर पर कहा जा रहा है कि राजनेताओं के साथ उनकी निकटता उनके काम में बाधा बन रही थी।
सूत्रों का कहना है कि पिछले कुछ दिनों से सूचियां तैयार की जा रही थीं और पूरी प्रक्रिया को गुप्त रखा गया था। एसपी रैंक के एक अधिकारी ने कहा, 'कई पुलिसकर्मी ऐसे थे जो लंबे समय से एक ही स्थान पर जमे हुए थे और किसी भी पुलिस प्रमुख ने उन्हें ट्रांसफर करने की हिम्मत नहीं की थी। ये तबादले कई लोगों के लिए चौंकाने वाले हो सकते हैं, लेकिन यह स्पष्ट रूप से समय की मांग थी। हेरोइन और अन्य नशीले पदार्थों के खिलाफ लड़ाई भी अब अगले स्तर पर ले जाई जाएगी।'
एसएसपी आदित्य ने कहा कि उन्होंने निर्णय लेने से पहले 'प्रदर्शन समीक्षा' प्रणाली लागू की थी। उन्हाेंने कहा, 'इन मापदंडों में ड्रग्स के खिलाफ लड़ाई, जन शिकायत निवारण, लंबित शिकायतों की संख्या, लंबित जांचों की संख्या, अपराध और अपराधियों के खिलाफ लड़ाई शामिल थी। जिन लोगों ने स्कोर किया, उन्हें बरकरार रखा गया है, जो लोग इन मापदंडों में विफल रहे, उन्हें हटाया गया है।' इस बीच, 60 पुलिसकर्मियों को प्रशंसनीय कार्य के लिए 'प्रशंसा प्रमाण पत्र' दिए गये हैं।
एएसआई और कांस्टेबल की कार जब्त
एसएसपी ने यातायात नियमों का उल्लंघन पर एक एएसआई और एक कांस्टेबल की कारों को जब्त कर लिया। एसएसपी शहर में चेकिंग कर रहे थे, तभी उनकी नजर ऐसे वाहनों पर पड़ी, जिन्हें नियमों को तोड़कर मॉडीफाई किया गया था।