गुजरात गैस कंपनी पर बिना मंजूरी पाइपलाइन बिछाने का आरोप, ग्रामीणों ने रोका काम
गुजरात गैस कंपनी पंजाब के ग्रामीण इलाकों में बिना सरकारी मंजूरी पाइपलाइन बिछाने को लेकर विवादों में है। कंपनी द्वारा ग्राम पंचायतों को कथित रूप से गुमराह कर जुगाड़ू एनओसी/समझौते किये जा रहे हैं। इसी समझौते के आधार पर सोमवार को मंडी किलियांवाली (लंबी) में कंपनी के वेंडर ने औचक पाइपलाइन बिछाने का काम शुरू किया, जिसे मोहल्ला वासियों ने रोक दिया। वेंडरों ने अजीत नगर और बादल कॉलोनी में डीएमएम मशीन से गली में गड्डा खोदकर ड्रिलिंग शुरू की।
गत फरवरी में भी कंपनी ने मंडी किलियांवाली में एनएच-9 पर गैरकानूनी पाइप डाली थी और मुख्य वाटर सप्लाई को नुकसान पहुंचाया था। जिस पर एनएचएआई ने सख्त संज्ञान लिया था।
मोहल्ला वासियों कुलविंदर सिंह, हरनूर कंवर सिंह, अमरजीत सिंह अरोड़ा, दिलराज सिंह व गुरजीत सिंह धालीवाल ने कहा कि सरकारी दस्तावेज मांगने पर कंपनी ने सरपंच से हुए समझौते की कॉपी दिखाई। उन्होंने इसे खारिज करते हुए कहा कि बिना राज्य सरकार/जिला प्रशासन की मंजूरी कार्य अवैध और खतरनाक है। बीडीपीओ कार्यालय में शिकायत पर पंचायत सचिव रेशम सिंह ढिल्लों मौके पर पहुंचे और काम तुरंत बंद करने का आदेश दिया।
गुजरात गैस कंपनी के वेंडर फर्म पार्थ बिल्डकॉन के सुपरवाइजर हार्दिक पटेल ने दावा किया कि कार्य वैध है, उनके पास सरकार से मंजूरी और ग्राम पंचायत से लिखित समझौता है। किसी नुकसान की स्थिति में 50 हज़ार रुपये हर्जाना पंचायत को दिया जाएगा। डीएमएम मशीन संचालक बताते हैं कि डबवाली के वार्ड 1 से पाइप गुजारना संभव नहीं, इसलिए मंडी किलियांवाली मार्ग लिया गया।
सरपंच गुरमेल सिंह टोनी ने कहा कि कंपनी के अधिकारी कई बार आए और अन्य गांवों के समझौते दिखाए। इसी आधार पर राज अस्पताल वाली गली में पाइपलाइन की सहमति दी और लिखित नुकसान भरपाई का समझौता किया। उल्लेखनीय है कि कंपनी के इसी प्रकार के कार्य से डबवाली में दर्जनों मकान क्षतिग्रस्त हो चुके हैं, जिससे पंजाब के ग्रामीणों में भी भय का माहौल है।