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GTB 350th Martyrdom Day : भक्ति और परंपरा का अनोखा संगम; 95kg की दस्तार पहन पवित्र शहर में पहुंचे बाबा अवतार सिंह

बाबा अवतार सिंह की पगड़ी नौवें गुरु और उनकी शिक्षाओं के प्रति गहरी श्रद्धा की निशानी का प्रतीक है
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GTB 350th Martyrdom Day : आनंदपुर साहिब में श्री गुरु तेग बहादुर की 350वीं शहादत की सालगिरह पर चल रहे यादगार कार्यक्रमों में भक्ति का अनोखा नजारा देखने को मिला। ओडिशा से आए बाबा अवतार सिंह 95kg की शानदार दस्तार पहनकर पवित्र शहर में संगत के बीच खास आकर्षण बन गए।

बाबा अवतार सिंह की बड़ी पगड़ी को सिख परंपरा के अनुसार बहुत ध्यान से बांधा और सजाया गया था। उनकी पगड़ी नौवें गुरु और उनकी शिक्षाओं के प्रति गहरी श्रद्धा की निशानी थी। बड़ी संख्या में भक्त उनके आस-पास जमा हो गए। द ट्रिब्यून से बात करते हुए बाबा अवतार सिंह ने कहा कि उन्होंने सिख धर्म का संदेश फैलाने और गुरु तेग बहादुर के त्याग, साहस और दुनिया भर में भाईचारे के मूल्यों को दिखाने की कोशिश की।

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आध्यात्मिक उत्साह को और बढ़ाते हुए अमृतसर से महंत बाबा दर्शन दास भी अपना पारंपरिक नगाड़ा लेकर पहुंचे। उनका दावा है कि वह 100 साल पुराना है। कहा जाता है कि यह ऐतिहासिक नगाड़ा पिछली सदी में कई खास सिख कार्यक्रमों का हिस्सा रहा है। जब महंत ने महान गुरु के बलिदान के सम्मान में इसे बजाया, तो यह पूरे कार्यक्रम स्थल पर गूंज उठा।

बाबा दर्शन दास ने कहा कि वह दशकों से बड़े सिख समागमों में नगाड़ा सेवा करते आ रहे हैं और 350वीं शहादत की सालगिरह पर आनंदपुर साहिब में इस वाद्य यंत्र को लाना एक सम्मान और पवित्र कर्तव्य दोनों था। उनकी मौजूदगी — एक के पास मशहूर दस्तार और दूसरे के पास सौ साल पुराना नगाड़ा... ने चल रहे समारोहों में विरासत और भक्ति की गहरी भावना जोड़ दी, जिससे पवित्र शहर का आध्यात्मिक माहौल और भी बढ़ गया।

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