चंडीगढ़, 31 मार्च (ट्रिन्यू)
पंजाब सरकार ने नियमों में बदलाव करते हुए आबकारी नीति को तीन माह के लिए बढ़ा दिया है। पंजाब की पूर्व कांग्रेस सरकार द्वारा जिस नीति के तहत शराब ठेके आबंटित किए गए थे, उसी नीति के तहत तीन माह के कार्यालय बढ़ा दिया गया है। अभी पुराने ठेकेदार ही प्रदेश में काम करेंगे। मान सरकार का पहला बजट नहीं आया है। जिसके चलते नई आबकारी पॉलिसी नहीं बन सकी है लेकिन सरकार द्वारा पुरानी पॉलिसी में मामूली बदलाव किया गया है। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान की अध्यक्षता में बृहस्पतिवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में यह फैसला लिया गया। बैठक के दौरान साल एक अप्रैल से 30 जून तक के लिए आबकारी नीति को मंजूरी दी गई।
मुख्यमंत्री कार्यालय के प्रवक्ता के अनुसार तीन महीने के लिए नवीनीकरण की गई इस आबकारी नीति के अंतर्गत शराब कारोबार में स्थिरता बरकरार रखने के मकसद से मौजूदा लाइसेंस धारकों जो अपने ग्रुप/ज़ोन के लिए वित्तीय वर्ष 2021-22 की अपेक्षा न्यूनतम गारंटी राजस्व पर 1.75 फीसदी अतिरिक्त देने को तैयार हैं,वह कारोबारी अपना काम जारी रख सकेंगे। प्रवक्ता के अनुसार इन तीन महीनों के लिए राज्य के ग्रुपों/ज़ोनों का न्यूनतम गारंटी राजस्व 1440.96 करोड़ रुपए है, जबकि कम समय की इस आबकारी नीति से 1910 करोड़ रुपएके राजस्व का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। अतिरिक्त राजस्व एकत्रित करने के लिए हरेक ग्रुप/ज़ोन के लिए देसी शराब, अंग्रेज़ी शराब, बीयर और आई.एफ.एल के न्यूनतम गारंटी कोटे को पिछले साल की पहली तिमाही से 10 प्रतिशत बढ़ा दिया गया है। प्रवक्ता ने यह भी जानकारी दी कि छोटे (परचून) लाइसेंसधारकों को उनकी ज़रूरत के अनुसार शराब उठाने की मंजूरी देते हुए अतिरिक्त निश्चित लाइसेंस फीस में वृद्धि की गई है। निश्चित और ओपन कोटे की रेशो वित्तीय वर्ष 2021-22 की तरह 30:70 ही रखा गया है। प्रवक्ता ने आगे बताया कि शराब की यातायात को नियंत्रित करने के लिए वित्तीय वर्ष 2022-23 के दौरान आई.टी आधारित ट्रैक एंड ट्रेस सिस्टम लागू किया जाएगा।
नशा मुक्ति की दवाओं का दुरुपयोग रोका जाएगा: सिंगला
पंजाब के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण और चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान मंत्री डॉ. विजय सिंगला ने सभी नशा मुक्ति केन्द्रों के प्रबंधकों को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि इन केन्द्रों से मिलने वाली नशा मुक्ति की दवाओं के दुरुपयोग पर सख़्ती से रोक लगाई जाए। ऐसा न करने की सूरत में खामियां पाए जाने वाले केन्द्रों का लाइसेंस रद्द करने के साथ-साथ उनको सख़्त सज़ाएं दिलाने के लिए कार्रवाई की जाएगी। विभाग के उच्च अधिकारियों के साथ लंबी बैठक के दौरान स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने वाले किसी भी शख्स को बख्शा नहीं जाएगा। पंजाब को नशा मुक्त बनाने के लिए पंजाब सरकार गंभीरता से कदम उठा रही है और नशे के धंधे में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से लिप्त व्यक्तियों को गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे।
सिंगला ने कहा कि राज्य में 186 प्राईवेट नशा मुक्ति केंद्र चल रहे हैं और उनको कई केन्द्रों में दवाओं के दुरुपयोग की निरंतर खबरें मिल रही हैं। उन्होंने सीधे तौर पर कहा कि इन केन्द्रों में नशा छुड़ाने वाली दवाओं का दुरुपयोग करने वाले बाज़ आएं, नहीं तो स्वास्थ्य विभाग की हिदायतों का उल्लंघन करने वालों के साथ सख़्ती से निपटा जाएगा। सिंगला ने अधिकारियों को विभाग के फ्लाइंग स्क्वायड एक्टिव करने के निर्देश दिए और कहा कि मिलावटी वस्तुएँ बेचकर लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने वाले असामाजिक तत्वों को किसी भी कीमत पर बख़्शा ना जाए। उन्होंने कहा कि दूध और दूध से बनी वस्तुएँ जैसे कि घी, पनीर और मिठाईयों आदि में मिलावट करने और फलों को ग़ैर-कुदरती तरीके से पकाने वालों के विरुद्ध सख़्त कार्यवाही अमल में लाई जाए।