चंडीगढ़/अमृतसर, 21 जुलाई (एजेंसी)
पंजाब पुलिस लोकप्रिय गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या की जिम्मेदारी लेने वाले कुख्यात गैंगस्टर गोल्डी बराड़ के कनाडा से प्रत्यर्पण के लिए प्रयास कर रही है। पंजाब के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) गौरव यादव ने यह जानकारी दी। डीजीपी ने कहा कि इस बात की बहुत अधिक संभावना है कि अमृतसर में एक मुठभेड़ के बाद दो गैंगस्टरों के पास से बरामद की गयी एके-47 राइफल वही हथियार था, जिसका इस्तेमाल मूसेवाला की हत्या में किया गया था। डीजीपी ने गैंगस्टर निरोधक कार्य बल के प्रमुख प्रमोद बान और अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ मुख्यमंत्री भगवंत मान को अमृतसर मुठभेड़ के बारे में जानकारी दी। इसी बीच अमृतसर में पुलिस उप-आयुक्त एमएस भुल्लर ने कहा कि वे दोनों बदमाशों को जिंदा पकड़ना चाहते थे मगर उन्होंने गोलीबारी बंद नहीं की जिस कारण वे जवाबी कार्रवाई में मारे गये। गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या में कथित रूप से शामिल गैंगस्टर जगरूप सिंह रूपा और मनप्रीत सिंह उर्फ मन्नू कुसा नामक दो गैंगस्टर बुधवार को अमृतसर के एक गांव में पंजाब पुलिस के साथ करीब पांच घंटे तक चली मुठभेड़ में मारे गए। डीजीपी गौरव यादव ने मुख्यमंत्री से मुलाकात करने के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘हमने इस अभियान के बारे में मुख्यमंत्री साहब को विस्तृत जानकारी दी।’ उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के साथ बैठक में राज्य में गैंगस्टर संस्कृति और नशीली दवाओं के खतरे को खत्म करने के लिए किए जा रहे प्रयासों की समीक्षा भी की गई। डीजीपी ने गैंगस्टरों के खिलाफ युद्ध जारी रखने के संकल्प को दोहराते हुए कहा, ‘हम राज्य से गैंगस्टर और मादक पदार्थों के कारोबार को जड़ से खत्म कर देंगे।’ गोल्डी बराड़ पर एक सवाल के जवाब में डीजीपी ने कहा कि इंटरपोल ने उनके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया है। उन्होंने कहा, ‘हम उसके प्रत्यर्पण के लिए प्रयास कर रहे हैं।’
गांव वालों को याद आए 1980 के आतंक वाले दिन
अमृतसर में हुई मुठभेड़ के दौरान गांव वालों को 1980 के दशक के भयानक मंजर याद आ गए, जब पंजाब में आतंकवाद चरम पर था। गांववालों ने बताया कि सिद्धू मूसेवाला के कथित हत्यारे जिन मकान में छिपे थे, उस पर गोलियां चलाने से पहले पुलिस ने गांव वालों को अपने-अपने खेतों को खाली करने को कहा था। गोलीबारी शुरू होते ही खेतों में काम कर रही महिलाएं घर की ओर दौड़ पड़ीं और अपने बच्चों को भी उन्होंने घर से बाहर जाने से रोक दिया। खासा गांव के इंद्रजीत सिंह ने कहा, ‘पुलिस वाहनों की भारी आवाजाही ने हमें एक बार फिर 1980 के दशक की, पंजाब के आतंकवाद वाले दिनों की याद दिला दी।’ सिंह ने कहा, ‘बच्चे डर गए थे क्योंकि उन्हें घर में बंद कर दिया गया था। लोग पशुओं के लिए चारा भी नहीं ला पा रहे थे।’ एक अन्य ग्रामीण ने कहा, ‘हम मक्की की कटाई कर रहे थे। तभी अचानक पुलिस की गाडिय़ां आईं और गोलीबारी शुरू हो गई।’ इसी खेत में खड़ी ‘कंबाइन हार्वेस्टर मशीन’ पर कुछ गोलियां लगीं। पुलिस ने बताया कि अभियान के दौरान इलाके की घेराबंदी कर ली गई थी और लोगों से घरों में रहने को कहा गया था। बुलेटप्रूफ जैकेट पहने पुलिसकर्मी उस मकान के पास खड़े ट्रैक्टर एवं ट्रॉली की आड़ लेते नजर आए, जहां बदमाश छिपे थे। मौके पर दो बख्तरबंद वाहन और कुछ बुलेटप्रूफ वाहन भी नजर आए।
मूसेवाला के पिता बोले-यह तो बस शुरूआत है
पंजाब पुलिस ने कहा कि वह मूसेवाला की हत्या में शामिल दो बदमाशों को जिंदा पकड़ना चाहती थी और उसने उनसे आत्मसमर्पण करने को भी कहा था लेकिन उन्होंने गोलीबारी बंद नहीं की। इसी बीच मूसेवाला के पिता ने इस मुठभेड़ को लेकर पंजाब पुलिस की तारीफ की है। बुधवार को पांच घंटे तक चली मुठभेड़ में बदमाश जगरूप सिंह रूपा और मनप्रीत सिंह उर्फ मन्नू कुसा मारे गये। दोनों अमृतसर में भारत-पाकिस्तान सीमा के समीप भकना कलां गांव में एक मकान में छिपे थे। अमृतसर के पुलिस उपायुक्त एमएस भुल्लर ने अमृतसर में पत्रकारों से कहा, ‘हम उन्हें जिंदा पकड़ना चाहते थे। उन्हें हमने समर्पण करने के लिए भी कहा। लेकिन उन्होंने गोलीबारी नहीं बंद की और मुठभेड़ में मारे गये।’ उन्होंने कहा, ‘फॉरेंसिक टीम द्वारा ली गयी तलाशी के दौरान एके 47 रायफल की 31 गोलियां, 45 बोर की पिस्तौल, दो मैगजीन उस मकान से बरामद किये गये जहां बदमाश छिपे थे।’ उन्होंने कहा कि एक टूटा हुआ मोबाइल फोन भी मिला है जिसकी जांच फॉरेंसिक टीम करेगी। जब भुल्लर से पूछा गया कि क्या मुठभेड़ स्थल से कोई मादक पदार्थ भी मिला तो उन्होंने कहा, ‘हमने कुछ गोलियां बरामद की हैं। हमारी फोरेंसिक टीम उनकी जांच कर रही हैं।’ जब उनसे पूछा गया कि क्या मुठभेड़ स्थल से कोई फर्जी पासपोर्ट मिला है तो उन्होंने कहा कि ऐसा कोई दस्तावेज नहीं मिला है। मूसेवाला के पिता बलकौर सिंह ने अमृतसर में कहा, ‘पुलिस ने अपना काम किया। मैं उसके काम की तारीफ करता हूं। यह तो बस शुरुआत है और यह एक लंबी लड़ाई है।’